विज्ञापन
This Article is From Jan 23, 2022

ममता बनर्जी ने नेताजी की फाइलों पर केंद्र को लिया आड़े हाथ, कहा: हमें आज तक उनके बारे में नहीं पता

बनर्जी ने सवाल किया कि केंद्र ने बोस मौत से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक क्यों नहीं किया? उनकी पार्टी ने मांग की है कि जापान के रेनकोजी मंदिर में संरक्षित राख, जिसे स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की माना जाता है, उसे डीएनए विश्लेषण के लिए भेजा जाए.

ममता बनर्जी ने नेताजी की फाइलों पर केंद्र को लिया आड़े हाथ, कहा: हमें आज तक उनके बारे में नहीं पता
बनर्जी ने सवाल किया कि केंद्र ने बोस मौत से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक क्यों नहीं किया?
नई दिल्ली:

ऐसा लगता है कि इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे ने भी उनके और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच का तनाव कम नहीं हो पाया है. बनर्जी ने सवाल किया कि केंद्र ने बोस की मौत से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक क्यों नहीं किया? उनकी पार्टी ने मांग की है कि जापान के रेनकोजी मंदिर में संरक्षित राख, जिसे स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की माना जाता है, उसे डीएनए विश्लेषण के लिए भेजा जाए. ममता बनर्जी ने उनकी 125वीं जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम में कहा, "आज तक हमें नेताजी के बारे में पूरी जानकारी नहीं है". 

समाचार एजेंसी एएनआई ने उनके हवाले से कहा, "उन्होंने (केंद्र ने) कहा था कि जब वे सत्ता में आएंगे तो वे इस पर काम करेंगे लेकिन कुछ नहीं हुआ. वास्तव में, हमने (राज्य) नेताजी बोस की सभी फाइलों को जारी और सार्वजनिक कर दिया है." 

इंडिया गेट पर लगेगी 'नेताजी' की विशाल प्रतिमा, मूर्ति बनने तक दिखेगा होलोग्राम

नेताजी की मृत्यु पर विवाद बंगाल में एक बेहद भावनात्मक मुद्दा है और कई लोग अब भी मानते हैं कि उनकी मृत्यु 1945 में एक विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी. 2017 में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत एक प्रश्न के उत्तर में केंद्र ने पुष्टि की थी कि सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु 18 अगस्त, 1945 को ताइपे में एक विमान दुर्घटना में हुई थी.

केंद्र का यह भी दावा है कि उसने नेताजी से जुड़ी सभी फाइलों को सार्वजनिक कर दिया है. अप्रैल 2016 में केंद्र ने 25 अवर्गीकृत फाइलों का तीसरा बैच जारी किया ​था, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय की पांच फाइलें और विदेश मंत्रालय की 15 फाइलें शामिल थीं. यह फाइलें 1956 और 2009 के बीच की अवधि की थीं.

हालांकि शोधकर्ताओं के एक वर्ग का आरोप है कि इस मामले में इंटेलिजेंस ब्यूरो की फाइलें अभी भी सार्वजनिक नहीं की गई हैं. शनिवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर "नेताजी की फाइलों" का वर्गीकरण रद्द करने का अनुरोध किया था.

गुजरात आपदा प्रबंधन संस्थान और इस प्रोफेसर को मिलेगा 'नेताजी अवार्ड'

पीएम मोदी ने मन की बात में कहा था कि केंद्र ने नेताजी की फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग को पूरा किया है और इंडिया गेट पर नेताजी की ग्रेनाइट प्रतिमा लगाने का वादा किया था.

गौरतलब है कि प्रतिमा के तैयार होने तक नेताजी का एक होलोग्राम इंडिया गेट पर लगाया जाएगा, पीएम मोदी ने एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया था. बनर्जी ने दावा किया कि मूर्ति भी केवल इसलिए बनाई जा रही है "क्योंकि हमने दबाव डाला था".

Video: इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा लगने से खुश हैं उनके भतीजे अर्धेंदु बोस

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com