कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़े केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर फैसला संसद के आगामी मॉनसून सत्र के शुरू होने से पहले किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शायद यह पता होगा कि अध्यादेश का विरोध या समर्थन संसद के बाहर नहीं, संसद के भीतर किया जाता है.
खरगे ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की, जब आम आदमी पार्टी (आप) के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अगर कांग्रेस ने दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ उसे समर्थन देने का वादा नहीं किया, तो ‘आप' विपक्षी दलों की शुक्रवार को पटना में होने वाली बैठक से बाहर हो जाएगी.
‘आप' के इस रुख के बारे में पूछे जाने पर खरगे ने संवाददाताओं से कहा, “शायद वह (केजरीवाल) खुद जानते हैं कि अध्यादेश का समर्थन या विरोध बाहर नहीं होता, यह सब सदन के अंदर होता है. संसद सत्र शुरू होने से पहले सारी पार्टियां मिलकर एजेंडा तय करती हैं, यह उन्हें मालूम होगा. 18-20 पार्टियों की बैठक होती है, जिसमें हर पार्टी के नेता शामिल होते हैं.” कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “इसका (अध्यादेश के मुद्दे का) बाहर इतना प्रचार क्यों हो रहा है, मुझे नहीं मालूम.” उन्होंने कहा कि अध्यादेश को लेकर फैसला संसद के आगामी सत्र से पहले किया जाएगा.
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