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This Article is From Oct 25, 2018

2008 मालेगांव ब्लास्ट: कर्नल पुरोहित को नहीं मिलती दिख रही राहत

Malegaon blast 2008 : मालेगांव बम धमाके के आरोपी कर्नल पुरोहित को राहत मिलते नही दिख रही है.जानिए क्यों.

2008 मालेगांव ब्लास्ट: कर्नल पुरोहित को नहीं मिलती दिख रही राहत
मालेगांव बम धमाके में फंसे कर्नल पुरोहित की फाइल फोटो.
नई दिल्ली: Malegaon blast 2008 : मालेगांव बम धमाके के आरोपी कर्नल पुरोहित को राहत मिलते नही दिख रही है.
पुरोहित ने मामले पर लगे  UAPA कानून की वैधता को चुनौती दी है .जिस पर आज बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई होनी थी लेकिन आज बेंच बैठी ही नही.जबकि 26 अक्टूबर यानी कल NIA कोर्ट मामले में आरोप तय कर सकता है.NIA कोर्ट पहले ही कर्नल पुरोहित और बाकी आरोपियों की उस अर्जी को पहले ही खारिज कर  चुका है, जिसमें UAPA को चुनौती दी गई थी. 

एसआइटी जांच की मांग पहले ही हो चुकी है खारिज
मालेगांव ब्लास्ट मामले में लेफ्टीनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. सितंबर में अदालत ने मामले की एसआईटी से जांच कराने की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा  कि वो इस मामले में ट्रायल कोर्ट जा सकते हैं. श्रीकांत पुरोहित ने याचिका में कहा कि उन्हें मालेगांव ब्लास्ट मामले में जानबूझ कर फंसाया गया क्योंकि वो आईएसआईएस, सिमी जैसे प्रतिबंधित संगठनों के पीछे कौन है, इसकी जांच कर रहे थे. इतना ही नही उन्होंने आर्मी रिपोर्ट को भी याचिका में संलग्न किया है जिसमें वो अपने काम का सारा ब्यौरा दिया है. कर्नल पुरोहित ने इस मामले में मुआवजे की भी मांग की है. 

 याचिका में कर्नल पुरोहित ने सेना के कर्नल आरके श्रीवास्तव पर अवैध रूप से अगवा करने और फिर महाराष्ट्र एटीएस को सौंपने और वहां टार्चर करने के आरोप भी लगाए हैं. कर्नल पुरोहित ने कुछ मीडिया हाउस को केंद्रीय गृह मंत्रालय के रिटायर्ड संयुक्त सचिल आरवीएस मणि द्वारा दिए गए बयान को भी आधार बनाया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि कर्नल पुरोहित को फंसाया गया है. याचिका में केंद्र और मणि को पक्षकार बनाया गया है. 

वीडियो-मालेगांव धमाके के आरोपी कर्नल पुरोहित 9 साल बाद जेल से बाहर 

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