मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ( Mohamed Muizzu) पांच दिवसीय राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के निमंत्रण पर भारत आए हैं. अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के दौरान, मुइज्जू राष्ट्रपति मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठकें करेंगे. मुइज्जू की यात्रा का उद्देश्य पिछले साल नवंबर से तनाव में चल रहे रिश्तों को फिर से संवारना है.
मालदीव के राष्ट्रपति ने जून में PM मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था. लेकिन यह उनकी पहली द्विपक्षीय भारत यात्रा होगी. चीन के प्रति झुकाव रखने वाले मुइज्जू के नवंबर में राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था. मुइज्जू ने शपथ लेने के कुछ ही घंटे के भीतर अपने देश से भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी की मांग की थी.
मैत्रीपूर्ण संबंधों को मिलेगी गति
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को द्विपक्षीय यात्रा पर भारत आए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की और विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मुइज्जू की वार्ता से हमारे मैत्रीपूर्ण संबंधों को नयी गति मिलेगी. बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान मुइज्जू और जयशंकर ने दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने पर विस्तार से बात की.
मुइज्जू ने दिया था इंडिया आउट का नारा, फिर हटे पीछे
मोहम्मद मुइज्जू चीन से नजदीकियां दिखाकर और 'इंडिया आउट' का नारा देकर मालदीव की सत्ता में आए थे. उन्होंने ऐसे कई फैसले लिए, जिससे दोनों देशों में तल्खियां बढ़ी थीं. हालांकि, अब मुइज्जू ने अपने सुर बदल लिए हैं.
यहां से शुरू हुआ था मालदीव-भारत के बीच विवाद?
मालदीव से बिगड़ते रिश्तों के बीच PM मोदी 2 जनवरी को लक्षद्वीप दौरे पर गए. उन्होंने लोगों से अपील की थी कि मालदीव जाने के बजाय एक बाद लक्षद्वीप जरूर जाएं और यहां की खूबसूरती देंखे. पीएम मोदी ने लक्षद्वीप ने अपनी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी. लक्षद्वीप की तुलना मालदीव से करने पर वहां के मंत्रियों ने PM मोदी का मजाक उड़ाया था. भारत के तमाम बॉलीवुड स्टार्स और सेलिब्रिटी से लेकर केंद्रीय मंत्रियों ने इसका विरोध जताया था. इसके बाद मालदीव के मंत्रियों को इस्तीफा तक देना पड़ा था. मालदीव के विरोध के बाद अब भारतीयों ने मालदीव का बॉयकॉट कर दिया था.
भारत ने हमेशा दिया मालदीव का साथ
भारत हमेशा से मालदीव के साथ रिश्तों को महत्व देता रहा है. उसने मुइज्जू सरकार को याद दिलाया है कि मालदीव के विकास में सहायता देने वाले देशों में वह प्रमुख रहा है. रिश्तों में दरार के बावजूद भारत मालदीव को चीनी, गेहूं, चावल, प्याज और अंडों जैसी जरूरी वस्तुओं का निर्यात लगातार कर रहा है. इनके अलावा भारत ने निर्माण सामग्री के रूप में इस्तेमाल होने वाले 10-10 लाख टन स्टोन एग्रीगेट और बालू का निर्यात भी किया है.
बीते साल अक्टूबर में राष्ट्रपति बने थे मुइज्जू
बीते साल अक्टूबर में हुए मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव यानी PPM के नेता मोहम्मद मुइज्जू की जीत हुई थी. PPM गठबंधन को चीन के साथ करीबी रिश्तों के लिए जाना जाता है. जीत के बाद शपथ ग्रहण समारोह से पहले नवंबर 2023 में मुइज्जू ने आश्वासन दिया था कि मालदीव में भारतीय सैनिकों की जगह चीनी सेना तैनात नहीं की जाएगी. सत्ता में आने के बाद उन्होंने भारतीय सेना को वापस जाने का आदेश दिया था.
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