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This Article is From Feb 23, 2024

Byju's के निवेशकों ने कंपनी के CEO को ही हटाने के लिए किया वोट, स्टाफ ने Zoom Call बीच में काटा

Byju's की एक बैठक(EGM) में भाग लेने वाले निवेशकों ने सर्वसम्मति से बायजू रवींद्रन को उस कंपनी के बोर्ड से हटाने की मांग की, जिसे उन्होंने 2015 में स्थापित किया था.

Byju's के निवेशकों ने कंपनी के CEO को ही हटाने के लिए किया वोट, स्टाफ ने Zoom Call बीच में काटा
रवींद्रन और उनकी फैमिली की कंपनी में लगभग 26% हिस्सेदारी है.
मुंबई:

एडटेक कंपनी बायजूस (Byju's) के कुछ की-इन्वेस्टर्स के एक ग्रुप ने शुक्रवार (23 फरवरी) को  एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) की. इस दौरान प्रोसस एनवी (Prosus NV) और पीक एक्सवी (Peak XV) पार्टनर्स समेत बायजूस के प्रमुख शेयरहोल्डर्स ने कंपनी के CEO रवींद्रन बायजू और उनकी फैमिली को कंपनी के बोर्ड से बाहर करने को लेकर वोट किया. इसके बाद एक समय बेहद चर्चा में रहे ऑनलाइन ट्यूटरिंग स्टार्टअप कंपनी के भविष्य को लेकर संकट बढ़ गया है. बिजनेस में बने रहने के लिए कंपनी पहले से ही मुश्किल दौर से गुजर रही है. हालांकि, कंपनी ने रेजोल्यूशन को खारिज कर दिया है.

'ब्लूमबर्ग' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा- बायजूस ने उन प्रस्तावों को खारिज कर दिया, जिसमें बायजूस के फाउंडर और CEO रवींद्रन को 2015 में स्थापित कंपनी के बोर्ड से हटाने की मांग की गई थी." बयान के अनुसार, "एक्सट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग के दौरान चुनिंदा शेयरहोल्डर्स के एक छोटे ग्रुप ने हिस्सा लिया था. ऐसे में कोई भी रेजोल्यूशन पास करना अमान्य और अप्रभावी है."

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प्रोसस के एक प्रवक्ता ने इस मामले पर कुछ कहने से इनकार कर दिया है. जबकि पीक ने इसपर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
    
शेयरहोल्डर्स का फैसला शुक्रवार को इंवेस्टर्स और मैनेजमेंट के लिए घंटों तक चले हंगामेदार ज़ूम कॉल के बाद आया. इस मीटिंग में हिस्सा लेने वाले लोगों के मुताबिक, बायजूज के कई स्टाफ ने इसे बीच में क्रैश करने यानी काटने की कोशिश की. ज़ूम कॉल के दौरान कई बार अज्ञात पार्टिसिपेंट ने सीटी और अन्य तेज़ आवाज़ों के साथ काम में रूकावट डाला.

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इससे पहले दिन के दौरान, बायजूस के 4 निवेशकों ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की बेंगलुरु बेंच के समक्ष एक मुकदमा दायर किया. निवेशकों ने बेंच से आग्रह किया कि रवींद्रन उस फर्म को चलाने के लिए अयोग्य हैं जो एक समय भारतीय स्टार्टअप की गौरवशाली कहानी का प्रतीक थी. रवींद्रन ने कथित तौर पर स्टाफ को सैलरी देने के लिए फंड जुटाने के लिए अपने घर के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाले घर को भी गिरवी रख दिया है.

बता दें कि एड-टेक कंपनी बायजूस को वित्त वर्ष 2022 में 8,245 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. वित्त वर्ष 2021 में घाटा 4,564 करोड़ रुपये था. यानी कंपनी का घाटा करीब-करीब दोगुना हो गया है. इस दौरान कंपनी का टोटल रेवेन्यू 5,298 करोड़ रुपये रहा. 2021 में रेवेन्यू 2,428 करोड़ रुपये था. यानी रेवेन्यू में 118% का उछाल आया है.

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इस बीच बायजूस की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न ने कंपनी रजिस्ट्रार के पास अपनी ऑडिटेड फाइनेंशियल रिपोर्ट दाखिल की है. रवींद्रन और उनकी फैमिली की कंपनी में लगभग 26% हिस्सेदारी है.


 

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