
- शिवसेना (यूबीटी) और मनसे ने मिलकर रैली के लिए निमंत्रण पत्र जारी किया है
- दोनों ठाकरे ब्रदर्स के फिर से एक साथ मंच पर आने के राजनीतिक मायने
- रैली का आयोजन वर्ली के एनएससीआई डोम में सुबह 10 बजे होगा
- फडणवीस सरकार के त्रिभाषा विवाद पर पीछे हटने के बाद रैली का आयोजन
क्या उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे मंच पर एक साथ नजर आएंगे. इस सवाल का जवाब उस निमंत्रण पत्र से मिल जाएगा. जो कि सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जा रहा है. स्कूलों में त्रिभाषा फार्मूला को लेकर वापस राज्य सरकार ने अपने फैसले को वापस लिया है. जिसके बाद शिवसेना (यूबीटी) और मनसे ने बाद "मराठी विजय दिवस" मनाने के लिए 5 जुलाई को होने वाली रैली के लिए एक संयुक्त सार्वजनिक निमंत्रण पत्र जारी किया है.

रैली के निमंत्रण पत्र पर एक साथ लिखे ठाकरे ब्रदर्स के नाम
'मराठीचा आवाज़' शीर्षक वाले संयुक्त निमंत्रण में, किसी भी पार्टी का प्रतीक या झंडा नहीं है. इसमें मेजबान के रूप में दोनों भाई राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के नामों का लिखे हुए हैंं. शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने मंगलवार इस बात की पुष्टि कर दी है कि उनकी पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे रैली में शामिल होंगे. ठाकरे बदर्स की लगभग दो दशक बाद पहली बार संयुक्त राजनीतिक मंच पर एक साथ नजर आ सकते हैं.
तीन भाषा नीति पर विवाद और सरकार का यू-टर्न
महाराष्ट्र के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक हिंदी भाषा को अनिवार्य करने के प्रस्ताव के खिलाफ भारी विरोध के बाद, राज्य मंत्रिमंडल ने रविवार को तीन भाषा नीति लागू करने वाले दो सरकारी आदेशों (जीआर) को वापस लेने का फैसला किया. इस फैसले के तुरंत बाद, राज ठाकरे की अगुवाई वाली मनसे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने 5 जुलाई को जीआर के खिलाफ प्रस्तावित विरोध मार्च को रद्द करने की घोषणा की थी.
हालांकि, उद्धव ठाकरे ने बाद में कहा कि 5 जुलाई को एक कार्यक्रम आयोजित होगा, जो "मराठी मानुष की एकता" का उत्सव होगा. संयुक्त निमंत्रण में "मराठी बहनों और भाइयों" को संबोधित करते हुए इसे मराठी गौरव और एकता का जश्न बताया गया है. निमंत्रण में लिखा है, "क्या हमने सरकार को झुकाया? हां! यह उत्सव आपका है, और हम केवल आपके लिए लड़ रहे थे. "
रैली का विवरण
यह रैली 5 जुलाई को सुबह 10 बजे वर्ली के एनएससीआई डोम में शुरू होगी. उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का एक मंच पर आना एक महत्वपूर्ण घटना होगी, जिसे दोनों नेताओं की ताकत और क्षेत्रीय गौरव के प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है. यह रैली आगामी नगर निगम चुनावों से पहले दोनों पार्टियों के संभावित गठबंधन की अटकलों को भी हवा दे रही है.
तैयारियों में जुटे दोनों दल
रैली की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. शिवसेना (यूबीटी) की ओर से संजय राउत, अनिल परब और वरुण सरदेसाई को आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि एमएनएस की तरफ से उनके नेता बाला नांदगांवकर, अभिजीत पानसे, संदीप देशपांडे और नितिन सरदेसाई को ये जिम्मेदारी दी गई है.
मराठी एकता का संदेश
यह रैली न केवल तीन भाषा नीति की वापसी का जश्न है, बल्कि मराठी अस्मिता और एकता का प्रतीक भी है. उद्धव और राज ठाकरे का एक साथ मंच साझा करना मराठी जनता के लिए एक मजबूत संदेश होगा. दरअसल इस आयोजन से दोनों नेताओं की पार्टियों के बीच बढ़ती नजदीकियों ने भी राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज कर दी है. यह रैली महाराष्ट्र की सियासत में एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकती है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं