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This Article is From Jul 02, 2022

महाराष्ट्र स्पीकर का चुनाव : विधानसभा में शिवसेना के शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट का होगा 'पहला इम्तेहान'

ये चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि महाअघाड़ी सरकार को सत्ता से बेदखल करने वाले एकनाथ शिंदे शुरू से ही अपने साथ दो तिहाई से ज्यादा विधायकों के होने का दावा कर रहे हैं.

महाराष्ट्र स्पीकर का चुनाव : विधानसभा में शिवसेना के शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट का होगा 'पहला इम्तेहान'
विधानसभा स्पीकर के चुनाव को लेकर आमने-सामने होंगे शिंदे-उद्धव गुट
मुंबई:

महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद रविवार को पहली बार शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट के विधायक आमने-सामने होंगे. मौका होगा विधानसभा के स्पीकर के चुनाव का. इस चुनाव के दौरान दोनों ही गुट सदन के भीतर अपनी ताकत दिखाते नजर आएंगे. ये चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि महाअघाड़ी सरकार को सत्ता से बेदखल करने वाले एकनाथ शिंदे शुरू से ही अपने साथ दो तिहाई से ज्यादा विधायकों के होने का दावा कर रहे हैं. बता दें कि स्पीकर के चुनाव को लेकर बीजेपी की तरफ से राहुल नार्वेकर और उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से राजन सालवी मैदान में हैं. राहुल नार्वेकर ने विधानसभा के स्पीकर पद के लिए शुक्रवार को पर्चा भरा था जबकि शिवसेना गुट से कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से मैदान में उतरे राजन सालवी ने शनिवार को अपना नामांकन किया. महाराष्ट्र विधायनसभा स्पीकर का यह चुनाव शिवसेना के लिए बेहद खास माना जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि शिवसेना पार्टी का भविष्य आने वाले स्पीकर पर निर्भर करता है. इन सब के बीच रविवार को होने वाले स्पीकर के चुनाव को ध्यान में रखते हुए उद्धव ठाकरे गुट ने व्हिप जारी कर दिया है. 

उद्धव ठाकरे का एकनाथ शिंदे के साथ सुलह कराना चाहते हैं शिवसेना सांसद

इससे पहले महा विकास आघाडी सरकार में एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद डिप्टी स्पीकर ने अजय चौधरी के शिवसेना गुट नेता बनाए जाने के प्रस्ताव को स्वीकार किया था. इसके विरोध में एकनाथ शिंदे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे. कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 11 जुलाई को होगी. उधर, उद्धव ठाकरे गुट का कहना है कि अब भी गुट नेता अजय चौधरी हैं, क्योंकि अदालत ने डिप्टी स्पीकर के फैसले पर रोक नहीं लगाई है. जबकि एकनाथ शिंदे गुट का कहना है कि आंकड़े उनके पास हैं और गुट नेता उनका होगा. 

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वहीं, उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार (1 जुलाई) को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटा दिया था. पार्टी द्वारा जारी एक पत्र में ठाकरे ने कहा था कि शिंदे “पार्टी विरोधी गतिविधियों” में शामिल रहे हैं. हालांकि, इससे पहले एकनाथ शिंदे ने भी दावा किया था कि वही शिवसेना के नेता हैं क्योंकि ठाकरे खेमा अल्पसंख्यक की स्थिति में है. उद्धव ठाकरे द्वारा हस्ताक्षर किए गए पत्र में कहा गया है, "शिवसेना पक्ष प्रमुख के रूप में मुझे मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैं आपको पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटाता हूं."

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इससे पहले उद्धव ठाकरे ने कहा था कि एकनाथ शिंदे ‘‘शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं हैं'' और पार्टी को किनारे रखकर कोई शिवसेना नहीं हो सकती. उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से यह (शिंदे) सरकार बनी और जिन्होंने (भाजपा) यह सरकार बनाई... उन्होंने कहा है कि एक ‘तथाकथित शिवसैनिक' को मुख्यमंत्री बनाया गया है. अगर मेरे और अमित शाह के बीच तय हुई बातों के अनुसार सब कुछ होता, तो सत्ता परिवर्तन बेहतर ढंग से होता और मैं मुख्यमंत्री नहीं बनता या महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन नहीं बनता. ''

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