महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है. कांग्रेस-एनसीपी शिवसेना (Shiv Sena) के साथ 'स्थिर सरकार' बनाने की बात कह चुकी है. इस बीच केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले (Ramdas Athawale) का बयान सामने आया है. रामदास अठावले ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस को महाराष्ट्र में अगर बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद नहीं मिलता है तो उसे सरकार गठन में शिवसेना और NCP का समर्थन नहीं करना चाहिए. अठावले की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब इस तरह की खबरे हैं कि शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद संभालने का समझौता हो सकता है. वहीं, कांग्रेस को उपमुख्यमंत्री पद मिल सकता है.
कांग्रेस और राकांपा (Congress-NCP) फिलहाल शिवसेना के साथ गठबंधन करने पर विचार कर रही है. राज्य में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था. एक बयान में अठावले के हवाले से कहा गया है कि कांग्रेस के समर्थन में बनने वाली सरकार में सिर्फ शिवसेना और NCP को बारी-बारी से मुख्यमंत्री का पद मिलेगा. भाजपा के सहयोगी अठावले ने कहा कि कांग्रेस को अगर मुख्यमंत्री का पद नहीं मिलता है तो उसे नए गठबंधन को समर्थन नहीं देना चाहिए. कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है.
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के नाम पर सत्ता चलाना चाहती है बीजेपी : शिवसेना
बता दें कि इससे पहले रामदास अठावले ने महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच एक नया फॉर्मूला सुझाया था. जिसके तहत 3 साल मुख्यमंत्री पद बीजेपी (BJP) के लिए और 2 साल शिवसेना के लिए हो सकता है.
मालूम हो कि महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के पास 105, शिवसेना के पास 56 सीटें हैं, जबकि राकांपा और कांग्रेस के पास क्रमश: 54 और 44 सीटें हैं. राज्य में सरकार बनाने को इच्छुक किसी भी दल या गठबंधन को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.
VIDEO: एनसीपी-कांग्रेस की बैठक के बाद ऐलान- 'शिवसेना के साथ मिलकर बनेगी सरकार'
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