महाराष्ट्र चुनाव (Maharashtra Elections) में वोट जिहाद (Vote Jihad) का आरोप लगाने वाली भाजपा ने अब इसके लिए करोड़ों की फंडिंग का आरोप लगाया है. भाजपा नेता किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) ने मालेगांव के बैंकों में बेनामी हवाला के जरिये करीब सवा सौ करोड़ रुपये अलग-अलग बैंक खातों में आने और फिर अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर कैश निकालने का आरोप लगाया है. इस मामले में मालेगांव के छावनी पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ है. एनडीटीवी से बातचीत में सोमैया ने कहा कि वोट जिहाद के लिए यह पैसे आ रहे हैं.
किरीट सोमैया ने कहा, "राहुल गांधी की कांग्रेस मराठी मुस्लिम सेवा संघ का उपयोग कर रही है. यह कहता है कि हमारे साथ में 400 एनजीओ जुड़े हैं और हम हजारों सभाएं सम्मेलन करते हैं. नाना पटोले उलेमा बोर्ड को बढ़ावा देते हैं और उनकी 17 मांगों को मान्य करते हैं तो उनके पास पैसा आता कहां से है, ये हम ढूंढ रहे थे."
किरीट सोमैया ने बताई पूरी कहानी
सोमैया ने बताया कि विस्तार से बताया कि इस मामले को किस तरह से अंजाम दिया गया. उन्होंने कहा, "मालेगांव कट्टर मुस्लिम गतिविधियों का अड्डा बन गया है. वहां सिराज और मोईन फर्जी बैंक अकाउंट खोलते हैं और 17 हिंदू किसानों के आधार कार्ड चुराए जाते हैं. उनके नाम से बैंक अकाउट खोले जाते हैं और देश भर के 175 बैंकों की ब्रांचों में से चार दिन के अंदर 125 करोड़ रुपये जमा होते हैं."
उन्होंने कहा, "यह ब्रांच हिमाचल, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडिशा अलग-अलग जगह से पैसे जमा होते हैं और यह पैसे 17 फर्जी अकाउंट हैं और दूसरे सात-आठ अकाउंट और कुछ हवाला के अकाउंट हैं, उनमें ये ट्रांसफर किए जाते हैं और उसमें से 121 करोड़ रुपये विड्रो किए जाते हैं."
यह टैक्स चोरी का मामला नहीं : सोमैया
किरीट सोमैया ने एक सवाल के जवाब में कहा, "चार दिन में अकाउंट खुलते हैं. हिंदू किसानों के नाम पर दो मुस्लिम अकाउंट खुलवाते हैं. एक ही महीने में वापस चले जाते हैं तो यह टैक्स चोरी का मामला नहीं है."
उन्होंने सवाल किया कि यह तैयारी कितने दिन की होगी? सात राज्यों की 175 ब्रांचों में टैक्स चोरी करने वालों से यह मामला जुड़ा हो ही नहीं सकता है. टैक्स चोरी करने वालों की इतनी पहुंच नहीं हो सकती है. यह मास्टरमाइंड और जिनके पास पूरा ह्यूमन इंफ्रास्ट्रकचर है, वही कर सकता है.
उन्होंने कहा कि कॉपरेटिव बैंक में जो खाते खुले उसकी किसी ने इंक्वायरी नहीं की है. 17 आधार कार्ड जिंदा व्यक्तियों के हैं. उनके अकाउंट खोले जाते हैं, लेकिन उनमें से कोई हाजिर ही नहीं होते हैं. सिराज और मोइन भाग गए हैं.
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