- महाराष्ट्र के चंद्रपुर में किडनी रैकेट का एजेंट डॉ कृष्णा को गिरफ्तार किया गया
- चंद्रपुर में एक किसान को कर्ज चुकाने के लिए अपनी किडनी बेचनी पड़ी थी
- इस मामले के खुलासे के बाद पुलिस एक्टिव हुई थी और अब इसके एक एजेंट को गिरफ्तार किया गया है
कर्ज चुकाने के लिए किसान की किडनी बेचने के बहुचर्चित मामले में एसआईटी को बड़ी सफलता हाथ लगी है. गौरतलब है कि चंद्रपुर जिले में एक किसान ने कर्ज चुकाने के लिए अपनी किडनी बेची थी. इस मामले में अब SIT को बड़ी सफलता हाथ लगी है. चंद्रपुर स्थानीय अपराध शाखा ने इस रैकेट के मुख्य किंगपिन और एजेंट 'डॉ कृष्णा' को सोलापुर से गिरफ्तार कर लिया है.
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खुद की किडनी बेच बना किंगपिन
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि 'डॉ. कृष्णा' के नाम से मशहूर इस आरोपी का असली नाम मल्लेश है. वह कोई डॉक्टर नहीं, बल्कि एक इंजीनियर है जो फर्जी पहचान बताकर लोगों को फंसाता था. आरोपी मल्लेश ने सबसे पहले खुद की किडनी बेची थी, जिसके बाद वह इस अवैध कारोबार का एजेंट बन गया और दूसरों को किडनी बेचने के लिए उकसाने लगा. इसी एजेंट ने चंद्रपुर के किसान रोशन कुडे को झांसा देकर कंबोडिया भेजा था, जहां उसकी किडनी निकाली गई थी.

रोशन कुडे को बेचनी पड़ी थी अपनी किडनी
इस साजिश के पीछे कौन-कौन
सोलापुर से हुई इस गिरफ्तारी ने पुलिस को संकेत दिए हैं कि इस रैकेट के तार राज्य के कई अन्य जिलों से भी जुड़े हो सकते हैं. पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह के शिकार हुए लोगों की संख्या काफी बड़ी हो सकती है. चंद्रपुर पुलिस अब मल्लेश से पूछताछ कर रही है ताकि इस अंतरराष्ट्रीय किडनी तस्करी गिरोह के अन्य सदस्यों और इसके पीछे काम करने वाले बड़े अस्पतालों या डॉक्टरों का पर्दाफाश किया जा सके.

रोशन कुडे ने बताई थी पूरी बात
इस साजिश के पीछे कौन-कौन
सोलापुर से हुई इस गिरफ्तारी ने पुलिस को संकेत दिए हैं कि इस रैकेट के तार राज्य के कई अन्य जिलों से भी जुड़े हो सकते हैं. पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह के शिकार हुए लोगों की संख्या काफी बड़ी हो सकती है. चंद्रपुर पुलिस अब मल्लेश से पूछताछ कर रही है ताकि इस अंतरराष्ट्रीय किडनी तस्करी गिरोह के अन्य सदस्यों और इसके पीछे काम करने वाले बड़े अस्पतालों या डॉक्टरों का पर्दाफाश किया जा सके.
कर्ज चुकाने के लिए किसान की निकलवा ली थी किडनी
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के एक किसान रोशन कुडे ने कहा था कि 74 लाख का कर्ज चुकाने के लिए लिए कुछ साहूकारों ने उसे अपनी किडनी बेचने के लिए मजबूर किया था. एजेंट से संपर्क में आने के बाद रोशन कोलकाता गया. कोलकाता में एक डॉक्टर से मेडिकल जांच के बाद, कुडे कंबोडिया गया, जहां उसकी किडनी निकाल ली गई. कुडे ने पुलिस को बताया कि उसे इसके बदले 8 लाख रुपए मिले थे. कुडे ने 2021 में दो साहूकारों से 40% ब्याज दर पर 50,000 रुपए उधार लिए थे. साहूकारों ने बाद में दावा किया कि ब्याज के साथ यह रकम बढ़कर 74 लाख रुपए हो गई थी. इस मामले में ब्रह्मपुरी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने जांच शुरू की और 6 साहूकारों को गिरफ्तार किया. इसके बाद अब राज्य के किडनी रैकेट के खिलाफ़ कार्रवाई शुरू है.
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