महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में नामांकन का काम पूरा हो चुका है.इस बार का महाराष्ट्र चुनाव दो गठबंधनों के बीच लड़ा जा रहा है. ये गठबंधन है बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी की महायुति और कांग्रेस-शिवसेना (यूबीटी)-एनसीपी (एसपी) का महा विकास अघाड़ी. मंगलवार नामांकन की अंतिम दिन था. महाराष्ट्र की 288 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए करीब आठ हजार उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किए हैं. नामांकन की अंतिम तारीख बीत जाने के बाद से ये दोनों गठबंधन परेशान हैं. इनकी परेशानी का कारण है इन गठबंधनों में शामिल राजनीतिक दलों के बागी नेता. करीब 150 बागियों ने पर्चा दाखिल किया है. इनमें से करीब 80 महायुति के हैं. अब इसमें से कितने चुनाव मैदान में जमे रहते हैं और कितनों को पार्टियां मना पाती हैं, इसका पता चार नवंबर के बाद ही चल पाएगा, जब नाम वापसी की तारीख बीत जाएगी.
किस गठबंधन से कितने पर्चे हुए दाखिल
महाराष्ट्र विधानसभा की सभी 288 सीटों के लिए एमवीए और महायुति ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद एमवीए की ओर से 286 पर्चे दाखिल किए गए हैं. इसमें कांग्रेस के 103, शिवसेना (यूबीटी) के 96 और एनसीपी (एसपी) के 87 उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किए हैं. इन तीनों दलों ने अपने कोटे से ही कुछ छोटे दलों को कुछ सीटें दी हैं.
इसी तरह से महायुति की ओर से 284 सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए हैं.इस गठबंधन ने कुछ सीटें छोटे दलों को दी हैं. दोनों गठबंधनों का कहना है कि बची हुई सीटों की जानकारी पूरे प्रदेश से सूचनाएं आने के बाद साझा की जाएंगी. महायुति की ओर से जारी सूचियों के मुताबिक इसमें शामिल दलों ने पांच सीटों पर दो-दो उम्मीदवार उतार दिए हैं.वहीं दो सीटें ऐसी हैं, जहां महायुति में शामिल किसी भी दल से उम्मीदवार नहीं उतारा है.महायुति ने 288 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए कुल 289 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं.
कब तक वापस लिए जा सकते हैं नाम
महायुति के कद्दावर बागियों में बीजेपी के गोपाल शेट्टी शामिल हैं. उन्होंने बीजेपी के आधिकारिक उम्मीदवार संजय उपाध्याय के खिलाफ बोरीवली से पर्चा दाखिल किया है. वहीं एनसीपी नेता और कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल के भतीजे समीर ने नाशिक जिले की नंदगांव विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल किया है. इस सीट से शिवसेना के विधायक सुहास कांदे उम्मीदवार हैं.
महायुति और एमवीए दोनों के लिए ये बागी उम्मीदवार परेशानी पैदा कर सकते हैं. दोनों गठबंधनों के नेता बागियों को मनाने में जुट गए हैं. हालांकि नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तारीख चार नवंबर हैं. उम्मीद की जा रही है कि दोनों गठबंधन इससे पहले अपने अधिक से अधिक बागियों को मना लेंगे.इसके बाद यह साफ हो पाएगा कि किस गठबंधन को कितने बागियों का सामना करना पड़ रहा है.
किसने किस फार्मूले से बांटे टिकट
इस चुनाव में महा विकास अघाड़ी के नेता नामांकन की अंतिम तारीख तक सीट बंटवारे में लगे रहे. इसके लिए उन्होंने कई दौर की बातचीत की. वहीं महायुति ने अपने सीट बंटवारे के फार्मूले को अंतिम समय तक छिपाकर रखा.वहीं एमवीए का फार्मूला बार-बार बदलता रहा.पहले यह कहा गया कि कांग्रेस 103 सीट, शिवसेना (यूबीटी) 90 और एनसीपी (एसपी) 85 सीटों पर लडेगी. इसके बाद शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने 85-85 सीटों वाला फार्मूला दिया. लेकिन इस पर भी एमवीए के दलों में आमसहमति नहीं बन पाई.इसके बाद कांग्रेस नेता बालासाहब थोराट ने 90-90 सीटों वाला फार्मूला दिया. इसके बाद इस मामले में तीनों दलों के हाईकमान ने दखल दी. इसके बाद सीटों का बंटवारा संभव हो पाया. इसमें एक ही बात का ध्यान रखा गया, वह था जीतने की क्षमता.
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