खास बातें
- 83 साल की सुंदरबाई दगडू नाईकवाडे बहुओं को बेटी की तरह मानती थीं
- सुंदरबाई ने कभी किसी के बीच भेदभाव नहीं किया
- सास के व्यवहार से प्रभावित बहुओं ने मिसाल कायम की
मुंबई: बहुओं ने दिया सास की अर्थी को कंधा दिया. महाराष्ट्र के बीड़ में एक अद्भुत वाकया सामने आया. भारत में किसी की मृत्यु होने पर अमूमन उसके पुत्र और दूसरे पुरुष ही अर्थी को कंधा देते हैं. औरतों को दूर ही रखा जाता है. हालांकि आजकल घर की लड़कियों को अग्नि देने का मौका मिलना शुरू हुआ है. लेकिन बीड़ में जो हुआ वह अनोखा था. घर की चार बहुओं ने सास की अर्थी को कंधा देकर मिसाल कायम की.