मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में शनिवार को सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई घायल हो गए. बच्चों के दो समूहों के बीच मामूली झगड़े के बाद खमरिया पौड़ी गांव में ये हिंसक झड़प हुई. इसके बाद खूनी संघर्ष बढ़ता चला गया, जिसमें एक व्यक्ति ने जान गंवाई और 38 घायल हो गए. इनमें से छह की हालत गंभीर है. यह संघर्ष तब शुरू हुआ, जब एक समुदाय के एक व्यक्ति ने दूसरे समुदाय के बच्चे को थप्पड़ मार दिया. शुक्रवार रात को आदिवासी समुदाय के दो बच्चों में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई. इसमें एक समुदाय के शख्स ने दूसरे समुदाय के बच्चे को तमाचा मार दिया. बुजुर्गों ने उन्हें शांत कराने का प्रयास किया, इस बीच दोनों पक्षों से सैकड़ों लोग लाठी डंडे और धारदार हथियार लेकर वहां इकट्ठा हो गए. उग्र भीड़ ने तमाम मोटरसाइकिल में आग लगा दी और कई राउंड गोलियां भी चलीं.
इस मामले में पुलिस ने 17 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है. दो रायफलें भी बरामद की गई हैं. इलाके में धारा 144 लगा दी गई है. आसपास के चार जिलों की पुलिस को कानून-व्यवस्था कायम करने के लिए तैनात किया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटनाक्रम के बाद भोपाल के हमीदिया हास्पिटल में घायलों से मुलाकात की. चौहान ने कहा, रायसेन की घटना दुखद है और अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोलीबारी सामान्य अपराध नहीं है और अपराधियों को किसी भी हालात में बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने मारे गए राजू आदिवासी के परिवार के लिए 5 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान भी किया. गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को दो लाख रुपये का मुआवजा भी दिया जाएगा. अन्य घायलों को भी 50-50 हजार रुपये की मदद दी जाएगी. नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द गुनहगारों की पहचान की जाए और दोषियों को हर हाल में सजा मिलनी चाहिए.
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