
लुधियाना : क्या कोई अंडरपास भी कमाई का जरिया बन सकता है? ये सवाल भले ही आपको अटपटा लगे लेकिन ऐसी तस्वीरें सामने आयी हैं, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगी।
इसे अच्छे से समझने के लिए आपको पूरे सीन को विजुलाइज करना पड़ेगा। 12-13 साल का एक लड़का गंदे पानी से बजबजाते रेलवे अंडरपास से एक मोटर साइकिल निकाल रहा है। कीचड़ से पूरी तरह सना होने के बाद भी वह पूरी होशियारी से बाइक धकेलकर अंडर पास पार कर लेता है।
सीन का दूसरा पहलू ये है कि बाइक मालिक मज़े से रेलवे लाइन पार करके दूसरी तरफ पहुंच जाता है. अब अंडरपास पार करके लड़के ने बाइक उसके मालिक के हवाले कर दी और अपना मेहनताना वसूल लिया...पूरे 10 रुपये।दरअसल, लुधियाना के दुखनिवारण गुरूद्वारे के बगल से गुजरने वाली रेलवे लाइन के नीचे बना अंडरपास काफी पुराना हो चुका है। रेलवे ने इसके नीचे से वाहनों के गुजरने पर रोक लगाने के लिए लोहे के बेरियर भी लगा दिए हैं।
चार पहिया वाहनों का यहां से निकलना बंद हो गया है। लेकिन स्कूटर, मोटर साइकिलवालों को रोकना मुश्किल है। उनके लिए तो ये शॉर्टकट रास्ता वक़्त और पेट्रोल दोनों की बचत है।लेकिन, जब बारिश होती है तो ये अंडरपास पानी से भर जाता है और ऐसे में आसपास की बस्तियों में रहने वाले बच्चों की चांदी हो जाती है। कीचड़ में कपड़े मैले न हो जाएं इसलिए लोग अंडरपास पर गाड़ी इन बच्चों के हवाले कर देते हैं और रेलवे लाइन पार करके खुद दूसरी तरफ पहुंच जाते हैं। लड़के पूरे सावधानी से कीचड़ और गन्दगी से गाडी को बचाते हुए अंडरपास पार करते हैं।
इसे गरीबी की मार कहिये या मजबूरी। गंदे पानी से इन लड़कों को संक्रमण भी हो सकता है, लेकिन किसे परवाह... न इनसे ये काम करवाने वाले वाहन चालकों को और न ही इनके मां-बाप को। उन्हें तो बस इनकी कमाई से मतलब है।
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