प्रतीकात्मक तस्वीर
पणजी:
गोवा की एक अदालत ने बुधवार को लुईस बर्जर रिश्वत मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई एक दिन के लिए स्थगित कर दी, वहीं कामत ने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार के कहने पर पुलिस मामले में गलत ढंग से उन्हें फंसा रही है।
कामत ने अग्रिम जमानत मांगते हुए जिला अदालत में दाखिल अपने प्रत्युत्तर में कहा, ‘‘राज्य सरकार ने पुलिस को मामले में मुझे गलत तरह से फंसाने के लिए पूरे अधिकार दिए हैं।’’ उन्होंने यह भी जानना चाहा कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामले में जांच के लिए क्या कोई पुलिस निरीक्षक स्तर का अधिकारी अधिकृत है।
कामत ने कहा, ‘‘पूरी जांच एक पुलिस निरीक्षक द्वारा की जा रही है।’’ अपराध शाखा फिलहाल अमेरिकी कंपनी द्वारा रिश्वत दिए जाने के मामले में कामत, प्रदेश के पूर्व लोक निर्माण विभाग मंत्री चर्चिल अलेमाओ और अन्य के खिलाफ मामले में जांच कर रही है।
अपराध शाखा ने पहले कहा था कि कंसल्टेंट की नियुक्ति से जुड़ी महत्वपूर्ण फाइल गायब हो गई थी, हालांकि कामत ने बुधवार को दाखिल प्रत्युत्तर में आरटीआई के तहत प्राप्त जवाब को नत्थी किया, जिसमें कहा गया है कि फाइल अब भी जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी के पणजी कार्यालय में है।
अमेरिकी कंपनी लुईस बर्जर ने जेआईसीए के तहत परिचालित एक जल परियोजना में परामर्श का ठेका हासिल करने के लिए कथित तौर पर मंत्रियों को रिश्वत दी थी। कामत की ओर से वकील सुरेंद्र देसाई ने कहा कि अपराध शाखा ने प्राथमिकी की प्रति देने से इनकार कर दिया है।
इसके बाद अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई बुधवार को दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। देसाई ने कहा कि अपराध शाखा ने प्राथमिकी देने के लिए 30 दिन के समय की बात कही है।
कामत ने अग्रिम जमानत मांगते हुए जिला अदालत में दाखिल अपने प्रत्युत्तर में कहा, ‘‘राज्य सरकार ने पुलिस को मामले में मुझे गलत तरह से फंसाने के लिए पूरे अधिकार दिए हैं।’’ उन्होंने यह भी जानना चाहा कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामले में जांच के लिए क्या कोई पुलिस निरीक्षक स्तर का अधिकारी अधिकृत है।
कामत ने कहा, ‘‘पूरी जांच एक पुलिस निरीक्षक द्वारा की जा रही है।’’ अपराध शाखा फिलहाल अमेरिकी कंपनी द्वारा रिश्वत दिए जाने के मामले में कामत, प्रदेश के पूर्व लोक निर्माण विभाग मंत्री चर्चिल अलेमाओ और अन्य के खिलाफ मामले में जांच कर रही है।
अपराध शाखा ने पहले कहा था कि कंसल्टेंट की नियुक्ति से जुड़ी महत्वपूर्ण फाइल गायब हो गई थी, हालांकि कामत ने बुधवार को दाखिल प्रत्युत्तर में आरटीआई के तहत प्राप्त जवाब को नत्थी किया, जिसमें कहा गया है कि फाइल अब भी जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी के पणजी कार्यालय में है।
अमेरिकी कंपनी लुईस बर्जर ने जेआईसीए के तहत परिचालित एक जल परियोजना में परामर्श का ठेका हासिल करने के लिए कथित तौर पर मंत्रियों को रिश्वत दी थी। कामत की ओर से वकील सुरेंद्र देसाई ने कहा कि अपराध शाखा ने प्राथमिकी की प्रति देने से इनकार कर दिया है।
इसके बाद अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई बुधवार को दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। देसाई ने कहा कि अपराध शाखा ने प्राथमिकी देने के लिए 30 दिन के समय की बात कही है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं