इजाजत नहीं ली तो लाउडस्पीकर उतारे जाएं, श्रीराम सेना के अल्टीमेटम के बाद कर्नाटक सरकार का फैसला

कर्नाटक में अजान बनाम हनुमान चालीसा विवाद के बाद राज्य सरकार ने लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर नियम जारी किए

इजाजत नहीं ली तो लाउडस्पीकर उतारे जाएं, श्रीराम सेना के अल्टीमेटम के बाद कर्नाटक सरकार का फैसला

रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर रोक लगा रहेगी. (प्रतीकात्मक फोटो)

बेंगलुरु:

कर्नाटक सरकार ने श्रीराम सेना समेत कई हिन्दूवादी संगठनों के अल्टीमेटम के बाद लाउडस्पीकर को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. कर्नाटक में अजान बनाम हनुमान चालीसा विवाद के बाद राज्य सरकार ने लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर नियम जारी किए हैं. इनमें कहा गया है कि जिन लाउडस्पीकरों के लिए 'संबंधित एजेंसी' से इजाजत नहीं ली गई हो, उन्हें उतारा जाए.

नई गाइडलाइन के मुताबिक कर्नाटक में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर रोक लगा रहेगी. सुबह 6 बजे से रात 10 बजे के दौरान निर्धारित आवाज में ही लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा सकेगा. वहीं विशेष अवसरों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए अनुमति की आवश्यकता होगी. राज्य के मुख्य सचिव पी रवि की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव जावेद अख्तर को जारी नोट में कहा गया है कि वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विभाग ने भी 'संबंधित प्राधिकारी' को परिभाषित किया है.

दरअसल, श्रीराम सेना, बजरंग दल और हिंदू जनजागृति जैसे कुछ हिंदू समूहों द्वारा सुबह के समय अजान की तरह भजन कीर्तन आयोजित किए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया था. विवाद बढ़ता देख मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को एक बैठक बुलाई, जिसके बाद मुख्य सचिव ने अख्तर को पत्र लिखा.

मुख्य सचिव ने ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के कार्यान्वयन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के 18 जुलाई 2005 और 28 अक्टूबर 2006 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि लाउडस्पीकर या जन संबोधन प्रणाली का इस्तेमाल संबंधित प्राधिकारी की अनुमति के बिना न किया जाए.

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कुमार ने पत्र में कहा, ''लाउडस्पीकर या जन संबोधन प्रणाली का इस्तेमाल करने वालों को 15 दिन के अंदर संबंधित प्राधिकारी से अनुमति लेनी होगी. जिनके लिए अनुमति नहीं दी जाएगी, उन्हें स्वेच्छा से या फिर संबंधित प्राधिकारी द्वारा हटा दिया जाएगा.'' उन्होंने यह निर्देश भी दिया कि लाउडस्पीकर या जन संबोधन प्रणाली के इस्तेमाल से संबंधित आवेदन पर निर्णय लेने के लिए विभिन्न स्तरों पर एक समिति का गठन किया जाए.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)