- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भगवान कृष्ण और हनुमान को सबसे महान राजनयिक बताया.
- उन्होंने कहा कि रामायण की रणनीतियों और जटिलताएं सामान्य नहीं, जबकि ये कूटनीति का महत्वपूर्ण उदाहरण हैं.
- हनुमान ने श्रीलंका जाकर सूचना प्राप्त की और माता सीता से मिलकर उनका मनोबल बढ़ाने में सफलता पाई थी.
पुणे के सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भगवना कृष्ण और हनुमानजी को सबसे महान राजनयिक बताया. उन्होंने कहा कि हम महाभारत को शक्ति, संघर्ष और परिवार के बारे में सोचते हैं. हम रामायण की जटिलताओं, रणनीतियों, रणनीति और रणनीति के बारे में स्वाभाविक रूप से नहीं सोचते. विदेश मंत्री ने उस सवाल का भी जब जवाब दिया, जब उनसे पूछा गया था कि सबसे महान राजनयिक उनकी नजर में कौन है.
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महान राजनयिक कौन?
एस जयशंकर ने कहा कि जब किसी ने पूछा कि मेरी नजर में सबसे महान राजनयिक कौन हैं?' तो उस समय मैंने कहा, भगवान कृष्ण और हनुमान. क्योंकि एक महाभारत के महान राजनयिक हैं, दूसरे रामायण के महान राजनयिक हैं. सूचना प्राप्त करने के लिए हनुमान को श्रीलंका भेजा गया था. वे सूचना लाने में सफल रहे. हनुमान माता सीता से मिलने गए और उनका मनोबल बढ़ाने में सफल रहे. अगर हम ऐसे व्यक्ति को दुनिया के सामने पेश नहीं करते हैं तो मुझे लगता है कि हम अपनी संस्कृति के साथ बहुत बड़ा अन्याय करते हैं.
#WATCH | Pune, Maharashtra: EAM Dr S Jaishankar says, "...We think that Mahabharat is about power, it's about struggle, it's about family. We don't think naturally of all the complexity of Ramayan, the tactics, the strategy, the game plan. So, actually, when someone asked me, "… pic.twitter.com/NTurXGEpC6
— ANI (@ANI) December 20, 2025
विभीषण को लेकर क्या बोले एस जयशंकर?
विदेश मंत्री ने कहा कि हनुमान ने विभीषण के टैलेंट को भी देखा. उनको पता चला कि वह अच्छा आदमी है लेकिन गलत कंपनी में है. प्रोत्साहित किया जाए तो यह हमारी तरफ आ सकता है. वह ऐसा करने में सफल भी रहे. इस तरह के शख्स को अगर दुनिया के सामने प्रस्तुत न किया जाए तो यह अपनी संस्कृति से अन्याय होगा.
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