अमेरिका में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बनाने वाली कंपनी टेस्ला के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) इसी महीने भारत का दौरा कर सकते हैं. न्यूज एजेंसी 'रॉयटर्स' ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मस्क का 22 से 27 अप्रैल के बीच भारत आने का प्लान हो सकता है. इस दौरान उनकी पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात होगी. मस्क इस दौरान भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की जगह का ऐलान कर सकते हैं. मस्क या प्रधानमंत्री ऑफिस की ओर से इसके बारे में ऑफिशियल तौर पर कोई भी जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन टेस्ला (Tesla) के मालिक ने X पर एक पोस्ट के जरिए भारत दौरे के लेकर दिलचस्पी दिखाई है. उन्होंने लिखा कि वो भारत आकर पीएम मोदी से मुलाकात करने को लेकर उत्सुक हैं. बता दें कि ये मस्क का पहला भारत दौरा होगा.
बता दें कि ये मस्क का पहला भारत दौरा होगा. वैसे पीएम मोदी और एलन मस्क अब तक दो बार मिल चुके हैं. 2015 में कैलिफोर्निया में टेस्ला फैक्ट्री में दोनों की मुलाकात हुई थी. इसके बाद जून 2023 में दोनों न्यूयॉर्क में एक इवेंट में मिले थे.
Looking forward to meeting with Prime Minister @NarendraModi in India!
— Elon Musk (@elonmusk) April 10, 2024
इलेक्ट्रिक कारों की इंटरनेशनल सेल्स पहली बार 10 लाख यूनिट्स से ज्यादा
सरकार ने नई EV पॉलिसी में इंपोर्ट टैक्स 85% तक घटाया
सरकार ने हाल ही में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी (EV Policy) का ऐलान किया है. इस पॉलिसी पर एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला (Tesla) समेत दुनियाभर की दिग्गज EV कंपनियों की नजर थी. सरकार ने एक निश्चित संख्या में EV या इलेक्ट्रिक व्हीकल के इंपोर्ट पर टैक्स में 85 पर्सेंट तक की कटौती की है. नई ईवी पॉलिसी में सबसे ज्यादा जोर फॉरिन इंवेस्टमेंट को भारत में लाने पर रहेगा. साथ ही भारत को ईवी टेक्नोलॉजी प्रोडक्शन में आगे बढ़ाने की कोशिश भी की जाएगी. इसमें विदेशी कंपनियों को कम से कम 4,150 करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट करना होगा.
एलन मस्क ने भारत में इंवेस्टमेंट की जताई थी इच्छा
एलन मस्क ने 2019 की शुरुआत में ही भारत में इंवेस्टमेंट की दिलचस्पी दिखाई थी. हालांकि, उन्होंने हाई इंपोर्ट टैक्स को लेकर आपत्ति जताई थी. अमेरिका में टेस्ला की सबसे सस्ती कार भारत में करीब 70 लाख रुपये में बिकती है.
EV कंपनियों को करना होगा न्यूनतम 4150 करोड़ रुपये का निवेश
शुक्रवार को घोषित की गई नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में सराकर ने EV कंपनियों को न्यूनतम 4150 करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट करने, 3 साल के अंदर प्रोडक्शन फैसिलिटी बनाने और 5 साल के भीतर 50 पर्सेंट DVA या डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन तक पहुंचने का टारगेट दिया है. इसमें तीसरे साल तक 25 पर्सेंट और पांचवें साल तक 50 पर्सेंट का लोकलाइजेशन यानी स्थानीयकरण शामिल है. अगर कोई कंपनी भारत में अपना प्लांट लगाती है, तो उसे 35 हजार डॉलर और उससे अधिक कीमत वाली कारों की भारत में असेंबलिंग पर 15 पर्सेंट कस्टम्स ड्यूटी चुकानी पड़ेगी. यह सुविधा 5 साल के लिए मिलेगी.
सरकार ने नई EV पॉलिसी में इंपोर्ट टैक्स 85% तक घटाया, भारत में टेस्ला की एंट्री हुई आसान
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