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This Article is From Mar 01, 2024

BJP केंद्रीय चुनाव समिति बैठक: देर रात तक हुआ उम्मीदवारों के नामों पर मंथन, आज जारी हो सकती है पहली लिस्ट

लोकसभा चुनाव (BJP Central Election Committee Meeting) के लिए उम्मीदवारों के नाम तय करना बीजेपी के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था. इसके लिए पार्टी को लंबे-चौड़े प्रोसेस से गुजरना पड़ा, तब जाकर यह तय हुआ कि किसको टिकट दिया जाएगा.

बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नामों पर मुहर.

लोकसभा चुनाव करीब आते ही बीजेपी जोर शोर से तैयारियों में जुट गई है. बुधवार देर रात तक चली बैठक केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक (Lok Sabha Election 2024) में आखिरकार उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लग ही गई, अब सिर्फ प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होनी बाकी है. माना जा रहा है कि आज या कल में बीजेपी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी (BJP Candidates First List) कर सकती है. बीजेपी की पहली लिस्ट में 100 से 120 लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों के नाम जारी हो सकते हैं. माना जा रहा है कि पार्टी इस बार ज्यादा से ज्यादा महिलाओं और युवाओं को मौका दे सकती है. पार्टी का सबसे ज्यादा फोकस उन सीटों को जीतने पर है, जिन पर साल 2014 और 2019 के चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था. इन सीटों को जीतने के लिए गहन विचार और मंथन बैठक में किया गया.  

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किन उम्मदवारों को टिकट देना है, हुआ तय

 केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुधवार को शाम छह बजे से शुरु होनी थी. लेकिन जेपी नड्डा और अमित शाह की प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके आवास पर करीब 3 घंटे तक चली मैराथन बैठक की वजह से इसमें देरी हो गई. पीएम आवास पर चल रही बैठक की वजह से  केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक रात को 11 बजे शुरू हो सकी और शुक्रवार सुबह करीब तीन बजे बैठक खत्म हुई. बैठक में सबसे पहले उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों की लोकसभा सीटों पर विचार और मंथन किया गया. पार्टी ने इस बात पर विचार किया कि किन उम्मदवारों को टिकट देना है, जो बीजेपी को बंपर जीत दिला सकें. हालांकि उम्मीदवारों के नाम भी बैठक में फाइनल कर लिए गए हैं. अब सिर्फ नामों का ऐलान होना बाकी रह गया है. माना जा रहा है कि आज या कल में बीजेपी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है. 

इस रणनीति से बीजेपी ने तय किए उम्मीदवार

 बता दें कि उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगाने के लिए बीजेपी को लंबे-चौड़े प्रोसेस से गुजरना पड़ा. नमो ऐप पर जनता से सांसदों के बारे में फीडबैक लिया गया. लोगों से उनके क्षेत्र में तीन सर्वाधिक लोकप्रिय बीजेपी नेताओं के नाम पूछे गए. वहीं बीजेपी सांसदों से पिछले दो सालों में किए गए उनके काम के बारे में रिपोर्ट मांगी गई. सर्वेक्षण करने वाली एजेंसियों से हर संसदीय क्षेत्र की रिपोर्ट मांगी गई. बीजेपी शासित राज्यों में हर संसदीय क्षेत्र में मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई. इन मंत्रियों से कहा गया कि वे लोक सभा सीटों का दौरा कर सांसदों के बारे में रिपोर्ट लें. जिसके बाद पार्टी ने मंत्रियों और संगठन से मिली रिपोर्ट को प्रदेश स्तर पर चुनाव समिति की बैठक में रखा. संगठन महासचिवों ने आरएसएस का फीडबैक भी लिया. राज्यों की चुनाव समितियों की बैठकों में हर संसदीय सीट पर उम्मीदवारों के नामों का पैनल तैयार किया गया. 

उम्मीदवारों के चयन में RSS की भी अहम भूमिका

दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले हर राज्य के कोर ग्रुप की बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और संगठन महासचिव बी एल संतोष के साथ बैठक हुई. इन बैठकों में हर सीट पर संभावित उम्मीदवारों के नामों की चर्चा हुई. केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर पीएम मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा की लंबी बैठक हुई.  इस बैठक में भी उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई और उसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राज्यवार उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गई. बीजेपी ने हर सीट के हिसाब से रणनीति तैयार की है. यह देखा गया कि हर सीट को जीतने के लिए सबसे बेहतरीन उम्मीदवार कौन हो सकता है. वहीं उम्मीदवार अगर दूसरी पार्टी का है तो उसे बीजेपी में लाने के लिए पूरा जोर लगाया गया,  इसके लिए बाकायदा हर राज्य में और केंद्रीय स्तर पर समितियां बनाई गईं. ये भी तय किया गया कि जिन सांसदों का प्रदर्शन ठीक नहीं है, उनका टिकट बिना किसी झिझक के काट दिया जाएगा. 

नए चेहरों को मिलेगा मौका, कटेंगे मौजूदा सांसदों के टिकट

दरअसल पीएम मोदी पहले ही कह चुके हैं कि हर सीट पर कमल लड़ रहा है. लोकसभा चुनाव में करीब 60-70 सांसदों के टिकट काटे जाएंगे. दो बार जीत चुके और उम्रदराज कई सांसदों की जगह नए चेहरों को मौका दिए जाने पर सहमति बनी है. हालांकि ज्यादा ओबीसी सांसदों के टिकट नहीं काटे जाएंगे. साल 2019 में बीजेपी के 303 में से 85 ओबीसी सांसद जीत कर लोकसभा पहुंचे थे, इस बार भी पार्टी इसी तरह की रणनीति को फॉलो करना चाहती है.

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