प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में एनडीए के लिए 400 पार सीटों और बीजेपी (BJP) के लिए 370 सीटें जीतने का टारगेट रखा है. इसके लिए बीजेपी की तैयारी भी जोर-शोर से चल रही है. उम्मीदवार चुनने से लेकर कैंपेनिंग तक में बारीकी से गौर किया जा रहा है. गुरुवार (29 फरवरी) से बीजेपी नेतृत्व ने उम्मीदवार चुनने की प्रक्रिया शुरू की. बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में 50 फीसदी से ज्यादा लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर विचार-मंथन किया जा रहा है. आइए जानते हैं बीजेपी नेतृत्व किन पैरामीटर्स पर उम्मीदवारों का नाम फाइनल करती है:-
NDTV को मिली जानकारी के मुताबिक, बीजेपी ने उम्मीदवार तय करने के लिए कड़ी मशक्कत की है. उम्मीदवारों के नाम चुनने के लिए लंबे-चौड़े प्रोसेस को फॉलो किया गया है:-
-नमो ऐप (Narendra Modi App) पर जनता से सांसदों के बारे में फीडबैक लिया गया.
-इस दौरान अपने-अपने क्षेत्र में 3 सर्वाधिक लोकप्रिय बीजेपी नेताओं के नाम पूछे गए.
-पिछले दो सालों से बीजेपी सांसदों से लगातार उनके काम के बारे में रिपोर्ट मांगी गई.
-सर्वे करने वाली एजेंसियों से हर संसदीय क्षेत्र की रिपोर्ट मांगी गई थी.
-बीजेपी शासित राज्यों में हर संसदीय क्षेत्र में मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई.
-इन मंत्रियों से कहा गया कि वे लोकसभा सीटों का दौरा कर सांसदों के बारे में रिपोर्ट लें.
-मंत्रियों और संगठन से मिली रिपोर्ट को प्रदेश स्तर पर चुनाव समिति की बैठक में रखा गया.
-संगठन महासचिवों ने बैठक में आरएसएस का फीडबैक भी रखा.
-राज्यों की चुनाव समितियों की बैठकों में हर संसदीय सीट पर उम्मीदवारों के नामों का पैनल तैयार किया गया है.
-दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले हर राज्य के कोर ग्रुप की बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और संगठन महासचिव बी एल संतोष के साथ बैठक हुई.
-इन बैठकों में हर सीट पर संभावित उम्मीदवारों के नामों की चर्चा हुई.
-केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले प्रधानमंत्री निवास पर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा की लंबी बैठक हुई.
-इस बैठक में भी उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई. उसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राज्यवार उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई.
-बीजेपी ने हर सीट के हिसाब से रणनीति तैयार की है. यह देखा गया कि हर सीट को जीतने के लिए सबसे बेहतरीन उम्मीदवार कौन हो सकता है.
-अगर दूसरी पार्टी का है, तो उसे बीजेपी में लाने के लिए पूरा जोर लगाया गया. इसके लिए बाकायदा हर राज्य में और केंद्रीय स्तर पर समितियां बनाई गईं.
-जिन सांसदों का प्रदर्शन ठीक नहीं, उनका टिकट बिना किसी झिझक के काट दिया जाएगा. खबर है कि कम से कम 60-70 सांसदों के टिकट काटे जाएंगे.
-दो बार जीत चुके और उम्रदराज कई सांसदों की जगह नए चेहरों को मौका दिया जाएगा.
-हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, ज्यादा ओबीसी सांसदों के टिकट नहीं काटे जाएंगे. 2019 में बीजेपी के 303 में से 85 ओबीसी सांसद जीत कर आए थे.
2019 में बीजेपी ने जीती थी 303 सीटें
पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 303 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. ऐसे में 370 का आंकड़ा छूने के लिए बीजेपी को पिछले चुनाव के मुकाबले 67 सीटों पर और जीत हासिल करना होगा.
ये आंकड़ा छूना आखिर कितना आसान?
बीजेपी को इतनी बड़ी जीत हासिल करने के लिए इस बार उन राज्यों पर ज्यादा जोर लगाना पड़ेगा, जहां से पिछली बार पार्टी को बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई थी. यही वजह है कि बीजेपी को इस बार सबसे ज्यादा उम्मीद दक्षिण भारत के उन राज्यों से है, जहां पार्टी अब तक बहुत कमजोर मानी जाती रही है.
दक्षिण भारत के राज्यों में बीजेपी का प्रदर्शन
दक्षिण भारत के राज्यों में पिछले चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन की बात करें, तो पार्टी को कर्नाटक में 28 में से 25 और तेलंगाना में 17 में से 4 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. लेकिन आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला था. आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में कुल मिलाकर लोकसभा की 101 सीटें आती हैं. इनमें से बीजेपी के पास फिलहाल सिर्फ 4 सीटें ही हैं. पार्टी इन चारों राज्यों में लगातार जमकर मेहनत कर रही है.
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