नई दिल्ली:
काला धन, असम हिंसा, मुम्बई में फैली उसकी आग और पाकिस्तान में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार जैसे विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के चलते सोमवार को संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही नहीं हो सकी।
लोकसभा में प्रश्नकाल शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिव सेना के सदस्यों ने काले धन के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने हंगामा कर रहे सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया और कहा कि वे अपने मुद्दे शून्य काल में उठाए। लेकिन हंगामा कर रहे सदस्य मीरा कुमार के आसन तक पहुंच गए और 'काला धन वापस लाओ' और 'पाकिस्तानी हिन्दुओं की रक्षा करो' के नारे लगाने लगे। हंगामा के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
दोपहर 12 बजे भी सदन में विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा जिसके बाद सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
दो बजे तक तीसरी बार जब सदन बैठा तो शिव सेना के सदस्यों ने मुम्बई हिंसा का मसला उठाया। वे इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के इस्तीफे और केंद्र सरकार से जवाब मांग रहे थे। यह मामला शिव सेना के अनंत गीते ने उठाया।
कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने शिव सेना का यह कहते हुए विरोध किया कि महाराष्ट्र सरकार हर आवश्यक कदम उठा रही है।
ज्ञात हो कि मुम्बई में हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
शिव सदस्यों की नारेबाजी न थमती देख लोकसभा उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी।
भाजपा ने सदन में काले धन के मुद्दे को जब उठाया तब दिल्ली के रामलीला मैदान में इसी मुद्दे पर आंदोलन कर रहे योग गुरु बाबा रामदेव ने काला धन वापस न लाने पर क्रांति करने की धमकी दी।
भाजपा ने सोमवार को औपचारिक तौर पर रामदेव के आंदोलन का समर्थन करने का ऐलान किया। पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने रामलीला मैदान जाकर रामदेव के मंच से कहा, "रामदेव के आंदोलन को राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए और भाजपा रामदेव से किसी राजनीतिक समर्थन की अपेक्षा नहीं रखती। हम भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ रामदेव के आंदोलन को सक्रिय समर्थन देंगे।"
उधर, राज्यसभा में शून्य काल शुरू होते ही भाजपा नेता वेंकैया नायडू ने काले धन का मुद्दा उठाया। उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक ने भी यह मुद्दा उठाया है, जो इस मामले की गम्भीरता दिखाता है। उस पैसे के जरिए हम देश की बहुत सी समस्याओं का हल कर सकते हैं। लेकिन सरकार इस मुद्दे पर कोई समाधान लेकर आगे नहीं आ रही है।"
सीबीआई निदेशक एपी सिंह ने पूर्व में कहा था कि अनुमानित पांच अरब डॉलर की अवैध राशि विदेशी बैंकों में जमा है।
विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे पर सरकार की प्रतिक्रिया मांगी। विपक्ष के उप नेता रविशंकर प्रसाद ने सरकार से काले धन को वापस लाने के लिए एक समय सीमा निश्चित करने के लिए कहा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने विपक्ष को आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर कदम उठाने जा रही है।
सोनी ने कहा, "जब चर्चा होगी, तब हम निर्धारित समय सीमा के साथ इस पर टिप्पणी देंगे।" उन्होंने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा, "हम काले धन पर श्वेत पत्र लेकर आए थे। कुछ दिन पहले केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस मामले में उठाए गए कदमों पर विस्तृत वक्तव्य दिया था।"
राज्यसभा के उप-सभापति पीजे कुरियन ने भी विपक्ष को आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को ध्यान में लाएंगे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान सदस्य समय सीमा निर्धारित किए जाने का मुद्दा उठा सकते हैं। वैसे असंतुष्ट विपक्ष ने इसके बाद नारेबाजी शुरू कर दी।
हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही पहले 10 मिनट के लिए और फिर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित की गई।
लोकसभा में प्रश्नकाल शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिव सेना के सदस्यों ने काले धन के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने हंगामा कर रहे सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया और कहा कि वे अपने मुद्दे शून्य काल में उठाए। लेकिन हंगामा कर रहे सदस्य मीरा कुमार के आसन तक पहुंच गए और 'काला धन वापस लाओ' और 'पाकिस्तानी हिन्दुओं की रक्षा करो' के नारे लगाने लगे। हंगामा के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
दोपहर 12 बजे भी सदन में विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा जिसके बाद सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
दो बजे तक तीसरी बार जब सदन बैठा तो शिव सेना के सदस्यों ने मुम्बई हिंसा का मसला उठाया। वे इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के इस्तीफे और केंद्र सरकार से जवाब मांग रहे थे। यह मामला शिव सेना के अनंत गीते ने उठाया।
कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने शिव सेना का यह कहते हुए विरोध किया कि महाराष्ट्र सरकार हर आवश्यक कदम उठा रही है।
ज्ञात हो कि मुम्बई में हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
शिव सदस्यों की नारेबाजी न थमती देख लोकसभा उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी।
भाजपा ने सदन में काले धन के मुद्दे को जब उठाया तब दिल्ली के रामलीला मैदान में इसी मुद्दे पर आंदोलन कर रहे योग गुरु बाबा रामदेव ने काला धन वापस न लाने पर क्रांति करने की धमकी दी।
भाजपा ने सोमवार को औपचारिक तौर पर रामदेव के आंदोलन का समर्थन करने का ऐलान किया। पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने रामलीला मैदान जाकर रामदेव के मंच से कहा, "रामदेव के आंदोलन को राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए और भाजपा रामदेव से किसी राजनीतिक समर्थन की अपेक्षा नहीं रखती। हम भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ रामदेव के आंदोलन को सक्रिय समर्थन देंगे।"
उधर, राज्यसभा में शून्य काल शुरू होते ही भाजपा नेता वेंकैया नायडू ने काले धन का मुद्दा उठाया। उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक ने भी यह मुद्दा उठाया है, जो इस मामले की गम्भीरता दिखाता है। उस पैसे के जरिए हम देश की बहुत सी समस्याओं का हल कर सकते हैं। लेकिन सरकार इस मुद्दे पर कोई समाधान लेकर आगे नहीं आ रही है।"
सीबीआई निदेशक एपी सिंह ने पूर्व में कहा था कि अनुमानित पांच अरब डॉलर की अवैध राशि विदेशी बैंकों में जमा है।
विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे पर सरकार की प्रतिक्रिया मांगी। विपक्ष के उप नेता रविशंकर प्रसाद ने सरकार से काले धन को वापस लाने के लिए एक समय सीमा निश्चित करने के लिए कहा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने विपक्ष को आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर कदम उठाने जा रही है।
सोनी ने कहा, "जब चर्चा होगी, तब हम निर्धारित समय सीमा के साथ इस पर टिप्पणी देंगे।" उन्होंने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा, "हम काले धन पर श्वेत पत्र लेकर आए थे। कुछ दिन पहले केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस मामले में उठाए गए कदमों पर विस्तृत वक्तव्य दिया था।"
राज्यसभा के उप-सभापति पीजे कुरियन ने भी विपक्ष को आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को ध्यान में लाएंगे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान सदस्य समय सीमा निर्धारित किए जाने का मुद्दा उठा सकते हैं। वैसे असंतुष्ट विपक्ष ने इसके बाद नारेबाजी शुरू कर दी।
हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही पहले 10 मिनट के लिए और फिर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित की गई।
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