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5 years ago
नई दिल्ली:

मुस्लिम समाज (Muslim Society) में एक बार में तीन तलाक (Teen Talaq) यानी कि तलाक-ए-बिद्दत की प्रथा पर रोक लगाने के मकसद से जुड़ा नया विधेयक सरकार शुक्रवार को लोकसभा (Lok Sabha) में हंगामे के बीच बिल पेश हुआ. तीन तलाक बिल को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पेश किया. लोकसभा से जुड़ी कार्यवाही सूची के मुताबिक ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019' लोकसभा में पेश किया. पिछले महीने 16वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा होने के बाद पिछला विधेयक निष्प्रभावी हो गया था क्योंकि यह राज्यसभा में लंबित था. दरअसल, लोकसभा में किसी विधेयक के पारित हो जाने और राज्यसभा में उसके लंबित रहने की स्थिति में निचले सदन (लोकसभा) के भंग होने पर वह विधेयक निष्प्रभावी हो जाता है. सरकार ने सितंबर 2018 और फरवरी 2019 में दो बार तीन तलाक (Teen Talaq) अध्यादेश जारी किया था. इसका कारण यह है कि लोकसभा में इस विवादास्पद विधेयक के पारित होने के बाद वह राज्यसभा में लंबित रहा था. मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अध्यादेश, 2019 के तहत तीन तलाक के तहत तलाक अवैध, अमान्य है और पति को इसके लिए तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है.

Lok Sabha Updates:

असदुद्दीन ओवैसी ने इसका विरोध जताते हुए कहा, यह बिल महिलाओं के खिलाफ है
लोकसभा में अभी तीन तलाक पर बिल पेश करने के लिए वोटिंग हो रही है. हालांकि विपक्ष ने इस पर एतराज जताया है.
तीन तलाक पर लोकसभा में रविशंकर प्रसाद द्वारा बिल पेश वक्त करते हुए कहा- यह नारी की गरिमा का सवाल है.
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का बयान
तीन तलाक बिल पर लोकसभा में रविशंकर प्रसाद का बयान, इंसाफ और इंसानियत से जुड़ा है बिल

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पेश किया तीन तलाक बिल
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लोकसभा को अदालत ना बनाएं. तीन तलाक सियासत का मुद्दा नहीं है. सवाल नारी की गरिमा और इंसाफ का है. ये नारी के सम्मान से जुड़ा मामला है. हम प्रक्रिया के तहत बिल लाए. 
असदुद्दीन ओवैसी ने तीन तलाक बिल का विरोध किया. 
लोकसभा में तीन तलाक बिल पर हंगामा हो रहा है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आपको मुस्लिम महिलाओं से इतनी मोहब्बत है तो केरल की महिलाओं से क्यों नहीं है. 
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने तीन तलाक बिल का विरोध किया.

हंगामे के बीच लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश हो गया. 

लोकसभा से जुड़ी कार्यवाही सूची के मुताबिक 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019' लोकसभा में पेश किया जाएगा. पिछले महीने 16 वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा होने के बाद पिछला विधेयक निष्प्रभावी हो गया था क्योंकि यह राज्यसभा में लंबित था.

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