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दक्षिण में बढ़ा NDA का कुनबा, तमिलनाडु में PMK के साथ गठबंधन से BJP को कितना होगा फायदा?

तमिलनाडु में ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) से रिश्ता टूटने के बाद से ही BJP को तमिलनाडु में नए सहयोगियों की तलाश है. ऐसे में सवाल ये है कि PMK के साथ आने से भारतीय जनता पार्टी को क्या फायदा होगा.

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पीएम मोदी ने 19 मार्च को सुबह केरल के पलक्कड़ में रोड शो किया. फिर दोपहर में तमिलनाडु के सेलम में रैली की.

नई दिल्ली/चेन्नई:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के लिए अपनी ताकत दक्षिण के 5 राज्यों में झोंकने की तैयारी कर ली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 5 दिन के दक्षिण भारत के दौरे पर हैं. तमिलनाडु में ताकत बढ़ाने के लिए नए सहयोगियों की तलाश में निकली BJP को एक बड़ी कामयाबी मिली है. क्षेत्रीय दल पट्टाली मक्कल काची यानी PMK मंगलवार को NDA में शामिल हो गया. खुद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सलेम की रैली में PMK प्रमुख डॉ. एस. रामदास अंबुमणि की मौजूदगी में इसका ऐलान किया. इस समझौते के तहत राज्य की 39 लोकसभा सीटों में से PMK 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

तमिलनाडु में ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) से रिश्ता टूटने के बाद से ही BJP को तमिलनाडु में नए सहयोगियों की तलाश है. रामदास अंबुमणि ने कहा कि तमिलनाडु की जनता बदलाव की उम्मीद कर रही है और इसे पूरा करने के लिए हमने NDA के साथ जाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि हमारा गठबंधन सिर्फ तमिलनाडु ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में भारी जीत हासिल करेगा और पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे. इससे पहले AIADMK भी PMK से गठबंधन चाहती थी. ऐसे में सवाल ये है कि PMK के साथ आने से भारतीय जनता पार्टी को क्या फायदा होगा.

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तमिलनाडु में PMK कितनी खास?
- PMK का उत्तरी तमिलनाडु के 6 जिलों में खासा असर है. अति पिछड़े वण्णियार समुदाय में PMK की पैठ है. राज्य की करीब 6 प्रतिशत वोटों पर PMK की पकड़ है.
- 11 लोकसभा सीटों सलेम, धर्मपुरी, विल्लुपुरम, कुडलोर, थिरुवन्नमलाई, वेल्लोर, आरणी, कल्लाकुरिचि, पेरांबलुर, नमक्कण और चिदंबरम पर PMK का असर है.
-2019 के लोकसभा चुनाव में PMK राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ थी और उसे 5.3 % वोट मिले. हालांकि, 2021 विधानसभा चुनाव में PMK का वोट प्रतिशत घट कर 3% रह गया.
-वहीं, बीजेपी की बात करें, तो उसे 2019 लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु में 3.6 % वोट मिले. 2021 विधानसभा चुनाव में सिर्फ 2.3% वोट मिले थे

BJP को होगा क्या फायदा?
NDTV से खास बातचीत में सीनियर जर्नलिस्ट और कॉलमनिस्ट वीर राघव ने कहा, "तमिलनाडु में AIADMK और DMK सबसे बड़े दल हैं. उसमें कोई बदलाव नहीं है. AIADMK और DMK के सामने अब कर कोई भी पार्टी (थर्ड फ्रंट के रूप में) सीट नहीं जीत पाई है. हालांकि, वो वोट शेयर में भी सिर्फ 10 पर्सेंट तक पहुंच पाए. ये तमिलनाडु के सियासी इतिहास की सच्चाई है. अब बात BJP और PMK के गठबंधन की करें, तो PMK का वोट शेयर कई सीटों पर अच्छा है. माना जाता है कि PMK का वोट शेयर सिर्फ 5 फीसदी का है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में ये काफी गुना ज्यादा हो सकता है."

वीर राघव ने आगे कहा, "PMK-BJP के अलायंस में ऐसे भी नेता हैं, जिनका राज्य की राजनीति में अच्छा प्रभाव है. जैसे ओ पनीर सेल्वम. 2019 के चुनाव में ओ पनीर सेल्वम के बेटे ही एकमात्र सीट जीत पाए थे. इस गठबंधन से BJP ऐसे कुछ सीटों पर वोटों को इकट्ठा कर पाएगी." 

तमिलनाडु में BJP को मिले और कौन से साथी?
PMK से पहले BJP तामिल मनीला कांग्रेस मूपनार और दिनाकरण की AMMK के साथ गठबंधन कर चुकी है. एक्टर शरतकुमार ने अपनी पार्टी का BJP में विलय कर दिया है. इससे साफ है कि BJP, DMK और AIADMK के दो ध्रुवों में केंद्रित तमिलनाडु की राजनीति में तीसरा ध्रुव बनने की कोशिश में है. PMK को साथ लेकर वह तमिलनाडु में तीसरे मोर्चे का गठन करना चाहती है. 

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दक्षिण में बढ़ता NDA का कुनबा
लोकसभा चुनाव 2024 में NDA के घटक दल 400 सीटें जीतने का नारा दे रहे हैं. इस नारे को अमलीजामा पहनाने के लिए BJP गठबंधन का विस्तार करने में जुटी है. BJP, NDA को दक्षिण भारत तक ले जाना चाहती है. इसी सिलसिले में BJP ने आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू से गठबंधन किया है. इसके साथ ही पार्टी तेलंगाना और केरल में अपना जनाधार बढ़ाने में जुटी हुई है. 

खुद पीएम मोदी मिशन साउथ को पूरा करने में लगे हैं. प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी 50 बार तमिलनाडु का दौरा कर चुके हैं. इस साल जनवरी से अभी तक पीएम मोदी ने दक्षिण भारतीय राज्यों के 20 से अधिक दौरे किए हैं.

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अभी दक्षिण भारत में बीजेपी की क्या है स्थिति?
केरल में पिछले 3 लोकसभा चुनाव की बात करें, तो यहां NDA को एक भी सीट नहीं मिली. तमिलनाडु में सहयोगी पार्टी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के अलग होने के बाद BJP अलग-थलग पड़ गई है. तेलंगाना में 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP ने 4 सीटें जीती थीं, लेकिन 2023 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद यहां कांग्रेस मजबूत नजर आ रही है.

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