
लोकसभा चुनावों के दौरान सीट शेयरिंग को लेकर कर्नाटक में कांग्रेस और जेडी-एस के बीच खींचतान शुरू हो गई है. कर्नाटक में लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस और जेडी-एस के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला क्या हो, इस पर जेडी-एस ने अपनी राय कांग्रेस के सामने रख दी है.
मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की जेडी-एस ने साफ कर दिया कि वह 2:1 फॉर्मूला के तहत सीटों का बंटवारा चाहती है, जिसके आधार पर कर्नाटक में गठबंधन सरकार में मंत्री परिषद का गठन पिछले साल मई में किया गया.
एनडीटीवी से बातचीत में जेडी-एस के प्रधान महासचिव के दानिश अली ने कहा कि पिछले साल मई में सत्ता के बंटवारे के लिए दोनों दलों के बीच जो लिखित समझौता हुआ था उसका अनुपालन किया जाना चाहिए. दानिश अली ने कहा, "कर्नाटक में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और जेडी (एस) के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला 2:1 के तहत ही होना चाहिए. 18 सीटों पर कांग्रेस लड़े और 10 सीटों पर जेडी (एस) लड़े."
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इससे पहले मीडिया में खबरें थीं कि पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा 12 सीटों पर चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं. दानिश अली ने कहा कि कुछ सीटों पर फ्रैंडली फाइट आखिरी विकल्प के तौर पर होनी चाहिए लेकिन दोनों दलों को ऐसी किसी भी परिस्थिति से बचने की कोशिश करनी चाहिए.
जेडी-एस के नेता मानते हैं कि कर्नाटक में पदों के बंटवारे में कांग्रेस 2:1 के सिद्धांत का पालन नहीं कर रही है. कर्नाटक विधान परिषद का पद जेडीएस को जाना चाहिए था लेकिन वह कांग्रेस ने झटक लिया. कांग्रेस ने कहा है कि कौन दल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा, यह दोनों दलों का नेतृत्व जमीनी हालात का आकलन करने के बाद तय करेगा.
VIDEO : कर्नाटक में जेडी-एस को चाहिए आधी सीटें
अब देखना होगा कि देश में विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद में जुटी कांग्रेस कर्नाटक में अपने सहयोगी दल से कैसी निबटती है.
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