Click to Expand & Play
बदायूं : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोनावायरस के खिलाफ घोषित किए गए 21 दिन के लॉकडाउन के दूसरे ही दिन देशभर से पुलिस कर्मियों द्वारा उन लोगों को सजा देने के वीडियो सामने आ रहे हैं जो या तो कर्फ्यू को तोड़ रहे हैं या लॉकडाउन के नियम के खिलाफ सड़क पर दिख रहे हैं. ऐसा ही एक वीडियो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदायूं से सामने आया है जहां पुलिस कर्मियों द्वारा कुछ युवकों को पीठ पर बैग बांधे सड़क-सड़क पर बैठ-बैठ कर चलने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो वीडियो में जो युवक दिख रहे हैं वे मजदूर हैं और लॉकडाउन के बीच अपने घर लौट रहे हैं. कोई यातायात साधन न होने के कारण वे पैदल ही घर पहुंचने के लिए निकले हैं और रास्त में पुलिस उन्हें पकड़ लेती है. पुलिस उनकी दलील सुनने की जगह उनको दंडित करती है और गर्मी में सड़क पर रेंगने को मजबूर करती है.
बदायूं पुलिस प्रमुख एके त्रिपाठी ने इस मामले पर कहा कि वीडियो में जो पुलिसकर्मी दिख रहा है वह एक प्रोबेश्नर है जिसको साल भर का तजुर्बा है. सीनियर अफसर मौजूद थे लेकिन कुछ और काम देख रहे थे. मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी. मैं इसके लिए माफी मांगता हूं और जो हुआ उसके लिए शर्मिंदा हूं.
देशभर से घर लौटते मजदूरों की वीडियो और तस्वीरें सामने आ रही हैं. रोज की मजदूरी न मिलने के चलते मजदूरों को अपने घर लौटना पड़ रहा है. आलम यह है कि यातायात सेवा रद्द होने की स्थिति में मजदूरों को कई किलोमीटर पैदल चल अपने घर लौटना पड़ रहा है. गौरतलब है कि पूरे देश में लॉकडाउन के चलते सभी तरह की यातायात सेवाएं रद्द की जा चुकी हैं.