अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर के भूमि पूजन (Ram Mandir Bhoomi Pujan) को लेकर तैयारियों जोरों शोरों से चल रही हैं. काफी हद तक तैयारियां पूरी भी चुकी हैं. राम मंदिर के भूमि पूजन के इंतजामों के बीच अयोध्या की तस्वीर कितनी बदलेगी यह एक अहम सवाल है. इस मुद्दे पर एनडीटीवी ने श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट के ट्रस्टी विमलेंद्र प्रताप मिश्रा से बात की. विमलेंद्र प्रताप मिश्रा ने शहर के विकास पर कहा कि राम मंदिर बनने से अयोध्या की सूरत बदलने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था बढ़ेगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे.
उन्होंने कहा कि मंदिर बनने से यहां कई होटल्स बनेंगे. कई लोगों के बड़े निवेश की योजना है. मिश्रा ने कहा कि श्री राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट का ट्रस्टी बनने पर गर्व है. उन्होंने कहा कि अयोध्या का गर्व अयोध्या को वापस मिल रहा है. भगवान राम ने सभी वंचितों और शोषितों को मिलाया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिवाली पर दीपोत्सव की शुरुआत की.
जय श्रीराम के नारों के साथ जय सिताराम और जय सियाराम के सवाल पर ट्रस्टी ने कहा कि जय श्रीराम और जय सीतराम या सियाराम में कोई फर्क नहीं है. जितना जय श्रीराम जरूरी है, उतनी की जय सीताराम जरूरी है. दोनों महत्वपूर्ण हैं. मंदिर में इसे लिखवाया जा सकता है.
अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर तमाम बंदोबस्त किए जा रहे हैं. घाटों और सड़कों को काफी सजावट की गई है. अयोध्या में दिवाली जैसा नजारा है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सब सिर्फ कुछ दिनों के लिए है या फिर अब ये सब ऐसे ही रहेगा. पहले अयोध्या में ये चकाचौंध नहीं थीं. सरकारें बदलीं और सड़कों-इमारतों पर तेजी दिखी. दीवारों को पीले रंग से रंग दिया गया है. भगवान राम के भजन गाए जा रहे हैं. कोरोना को देखते हुए सैनिटाइजेशन चल रहा है. पहले अयोध्या उजाड़ से लगती थी, अयोध्या की सड़कें तो अच्छी बना दी गई थी लेकिन विकास नहीं था.
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