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This Article is From Nov 08, 2022

95 साल के हुए लालकृष्ण आडवाणी, पीएम मोदी ने घर जाकर दी बधाई

साल 1927 में कराची में जन्मे आडवाणी कम उम्र में आरएसएस में शामिल हो गए और बाद में जनसंघ के लिए काम किया जहां उन्होंने अपनी संगठनात्मक क्षमताओं के साथ पहचान बनाई.

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कराची शहर में 1927 में जन्मे आडवाणी कम उम्र में आरएसएस में शामिल हो गए थे.

नई दिल्ली:

पूर्व उप प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहे लाल कृष्ण आडवाणी मंगलवार को 95 वर्ष हो गए हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने घर जाकर उनको जन्मदिन की बधाई दी. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा आडवाणी जी के आवास पर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी. भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है. उनकी दूरदृष्टि और बुद्धि के लिए पूरे भारत में उनका सम्मान किया जाता है. भाजपा को बनाने और मजबूत करने में उनकी भूमिका अद्वितीय है. मैं उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं.

 केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस अवसर पर लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की और कहा कि उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा श्रद्धेय लाल कृष्ण आडवाणी जी को उनके जन्मदिवस पर ढेरों शुभकामनाएं. उनकी गिनती भारतीय राजनीति की क़द्दावर हस्तियों में होती है. देश, समाज और दल  की विकास यात्रा में उनका अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा है. मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु होने की कामना करता हूं.

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पार्टी के विकास के सूत्रधार माने जाने वाले आडवाणी को जन्मदिन की बधाई देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्होंने (आडवाणी) अपने अथक प्रयासों से देश भर में पार्टी संगठन को मजबूत किया और सरकार का हिस्सा रहते हुए देश के विकास में भी अमूल्य योगदान दिया। शाह ने उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना की. वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आडवाणी को प्रेरणा स्रोत बताया.

अविभाजित पाकिस्तान के कराची शहर में 1927 में जन्मे आडवाणी कम उम्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हो गए और बाद में जनसंघ के लिए काम किया जहां उन्होंने अपनी संगठनात्मक क्षमताओं के साथ अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की. वह 1980 में भाजपा के संस्थापक सदस्यों में रहे और कई दशकों तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ पार्टी का मुख्य चेहरा बने रहे. वाजपेयी सरकार में आडवाणी देश के गृह मंत्री रहे और बाद में उन्हें उपप्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई.

एक प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में भाजपा को स्थापित करने के लिए उन्होंने 1990 के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन को लेकर रथ यात्रा की. इस घटना को राष्ट्रीय राजनीति में एक युगांतकारी मोड़ के रूप में देखा जाता है जिसके बाद से भाजपा लगातार मजबूत होती चली गई. (भाषा इनपुट के साथ)

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