उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. इसमें चार लोगों की मौत हो गई और 30 पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हुए हैं. संभल हिंसा में मरने वाले चारों लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है. चारों की मौत देसी बंदूक की गोली से हुई है. इस मामले में समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क़ और स्थानीय सपा विधायक नवाब इक़बाल महमूद के बेटे नवाब सुहैल इकबाल को भी आरोपी बनाया गया है. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भी ये मुद्दा उठा और विपक्षी पार्टियों ने इस पर बहस की मांग की है. पुलिस ने हिंसा से जुड़े 15 लोगों को हिरासत में लिया है, जिसमें से 3 महिलाएं भी हैं. बवाल के बाद प्रशासन ने एहतियातन कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं. संभल में एक दिसंबर तक बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. आदेश के मुताबिक, जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है. प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है. आइए आपको बताते हैं, संभल के ताजा हालात...
'देसी बंदूक की गोली से हुई मौत'
संभल हिंसा में मरने वाले चारों लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है. चारों की मौत देसी बंदूक की गोली से हुई है. 315 बोर की गोली से मारे जाने की बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई है. यह जानकारी मंडल आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने दी.
जाना चाहते हैं संभल...आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आज़ाद को पुलिस ने रोका
आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को पुलिस ने हापुड़ में रोकने की कोशिश की है, वह संभल जाना चाहते हैं. पुलिस ने पूरे रास्ते में चंद्रशेखर समेत किसी भी नेता को संभल ना जाने देने के लिए कड़े सुरक्षा के इंतज़ाम किए हैं.
संभल के उपद्रवियों पर लगेगा NSA
संभल के डीएम राकेश पेनसिया और एसपी कृष्ण बिश्नोई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि शाही जामा मस्जिद का सर्वे ख़त्म होने के बाद साज़िश के तहत हिंसा की गई.
अब तक 25 लोग गिरफ़्तार किए गए हैं. ड्रोन फ़ुटेज के आधार पर लोगों के पासपोर्ट साइज़ इमेज बना कर पहचान की जा रही है. सब पर केस होगा, NSA लगेगा. फिलहाल इलाके में शांति हैं.
संभल की घटना दुखद- आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद
संभल की घटना पर आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने NDTV से खास बातचीत में कहा, 'हमने आज लोकसभा में संभल का विषय उठाया. वहां जो गोली से प्रदेश चलाने की कोशिश की जा रही है, जनता की आवाज को दबाया जा रहा है, यह दुखद है. अगर सरकार निरंकुश हो जाए, तो हम लोग यहीं से तो जवाब देंगे. जब वरशिप एक्ट 1991 है, वह कहता है कि आजादी के समय जो धार्मिक स्थल जिस स्थिति में था, वैसा रहेगा तो फिर यह सब क्यों हो रहा है? कोर्ट एक पक्ष को सुनकर क्यों आर्डर पास कर रहा है.
सांसद चंद्रशेखर ने हिंसा में CBI जांच की मांग की
सांसद जिया उर रहमान वर्क के गंभीर आरोप
संभल के सांसद जिया उर रहमान वर्क का कहना है कि संभल में चार नहीं पांच हमारे नौजवानों की जान जा चुकी है. इसके लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है. उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने सरकारी नहीं, बल्कि प्राइवेट असलाह से गोली चलाई है. ऐसे लोग जेल में जाएं, ताकि उनके परिवार वाले को इंसाफ मिल सके जिन्होंने अपनो को खोया है. अगर कोर्ट का आदेश था तो सर्वे तो पहले हो चुका था. ऐसा कौन-सा इमरजेंसी था कि आप तुरंत सर्वे करने फिर से पहुंच गए. कोर्ट कमिश्नर ने खुद ही कहा था कि सर्वे हो चुका है. उनके पास कोर्ट का आदेश नहीं था.
हिंसा को लेकर जिया उर रहमान वर्क का बड़ा बयान
संभल हिंसा मामले में सपा सांसद बर्क़ पर केस दर्ज
संभल में रविवार को हुई हिंसा मामले में दो थानों में 07 मुक़दमे दर्ज हुए हैं. इसमें समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क़ और स्थानीय सपा विधायक नवाब इक़बाल महमूद के बेटे नवाब सुहैल इकबाल को भी आरोपी बनाया गया है.
संसद पहुंचा संभल मस्जिद विवाद
यूपी के संभल मस्जिद विवाद का मुद्दा देश की संसद तक पहुंच गया है. संसद का शीतकालीन सत्र जैसे ही आज शुरू हुआ, वैसे ही विपक्षी पार्टी के सांसदों ने संभल मुद्दे पर बहस की मांग शुरू कर दी. कुछ ही देर में लोकसभा में संभल को लेकर माहौल गरमा गया, जिसके बार कार्यवाही को स्थागित कर दिया गया. विपक्षी पार्टियों के तेवर देखकर लग रहा है कि वे संभल के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है.
विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण- प्रियंका गांधी
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने संभल हिंसा पर कहा, "संभल, उत्तर प्रदेश में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इतने संवेदनशील मामले में बिना दूसरा पक्ष सुने, बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए प्रशासन ने जिस तरह हड़बड़ी के साथ कार्रवाई की, वह दिखाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब किया. प्रशासन ने जरूरी प्रक्रिया और कर्तव्य का पालन भी जरूरी नहीं समझा. सत्ता में बैठकर भेदभाव, अत्याचार और फूट फैलाने का प्रयास करना न जनता के हित में है, न देश के हित में. माननीय सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेकर न्याय करना चाहिए.
संभल, उत्तर प्रदेश में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इतने संवेदनशील मामले में बिना दूसरा पक्ष सुने, बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए प्रशासन ने जिस तरह हड़बड़ी के साथ कार्रवाई की, वह दिखाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब किया। प्रशासन ने…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 25, 2024
संभल में इंटरनेट-स्कूल बंद
पुलिस के मुताबिक, हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं. उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी. हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं. जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल बंद भी किए गए हैं. दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं. सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है.
कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया
संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया. सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी. इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े गए.
शाही जामा मस्जिद या हरिहर मंदिर
यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में याचिका दायर करने के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर की जगह पर खड़ी है. हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है. इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था. इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया. अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया. हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे.
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