प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई:
बंबई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में बीफ पर लगी पांबदी अस्थायी रूप से हटाने से इनकार करते हुए यह फैसला राज्य सरकार पर छोड़ दिया है। दरअसल विभन्न संगठनों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मुस्लिम के त्योहार ईद उल ज़ुहा (बकरीद) के मौके पर तीन दिन के लिए गौमांस पर लगी पाबंदी में ढील देने की मांग की थी।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अभय एस ओक की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वह कानून के उन प्रावधानों पर रोक लगाने का ऐसा बड़ा निर्णय नहीं ले सकता, जो कि अस्थायी रूप से प्रतिबंध हटाता है।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने इसी साल मार्च महीने में गोवंश हत्या विरोधी कानून पारित कर राज्य में बैलौं और बछड़ों को काटने पर प्रतिबंध लगा दिया था। राज्य में गाय को मारना पहले ही अपराध की श्रेणी में आता था और अब इस कानून से बीफ खाना, रखना और इधर से उधर ले जाना भी दंडात्मक अपराध बन गया है। इस श्रेणी में गौवंश के तमाम पुश आते हैं।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अभय एस ओक की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वह कानून के उन प्रावधानों पर रोक लगाने का ऐसा बड़ा निर्णय नहीं ले सकता, जो कि अस्थायी रूप से प्रतिबंध हटाता है।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने इसी साल मार्च महीने में गोवंश हत्या विरोधी कानून पारित कर राज्य में बैलौं और बछड़ों को काटने पर प्रतिबंध लगा दिया था। राज्य में गाय को मारना पहले ही अपराध की श्रेणी में आता था और अब इस कानून से बीफ खाना, रखना और इधर से उधर ले जाना भी दंडात्मक अपराध बन गया है। इस श्रेणी में गौवंश के तमाम पुश आते हैं।
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