लेफ्टिनेंट उमर फैयाज का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
कश्मीर में युवा आर्मी अफसर लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन के एक मॉड्यूल द्वारा अपहरण के बाद हत्या की गई थी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को यह बात कही.
कश्मीर प्रांत के पुलिस प्रमुख जावीद गिलानी ने यह भी कहा कि 22 वर्षीय युवा आर्मी अधिकारी जोकि एक कश्मीरी थे, की हत्या उस राइफल से की गई थी, जिसे हाल ही में शोपियां में अदालत परिसर पर हुए हमले में पुलिसकर्मी से छीना गया था. INSAS राइफल के खाली कारतूस भी शव के पास से बरामद किए गए थे.
पिछले 10 महीनों में आतंकियों ने दक्षिणी कश्मीर में पुलिस से 40 से अधिक राइफलों को छीना है.
अधिकारी ने एनडीटीवी से कहा कि इस हत्या का मकसद घाटी में डर और आतंक फैलाना है. हालांकि उन्होंने उस रिपोर्ट्स से इंकार किया, जिसमें कहा गया है कि कत्ल से पहले लेफ्टिनेंट उमर फैयाज को प्रताडि़त किया गया था. गिलानी ने कहा कि शव की जांच करने वाले डॉक्टर और पुलिस अधिकारियों ने शव पर यातना के कोई निशान नहीं पाए.
इस घटना के बाद चिंतित केंद्र ने गुरुवार को गृह सचिव राजीव महर्षि को श्रीनगर भेजा. सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को आतंकवाद, विरोध-प्रदर्शन और जमीनी रूप से सरकार की कमजोर पकड़ को लेकर चिंताओं के बारे में बताया गया.
गौरतलब है कि फैयाज यहां से करीब 74 किलोमीटर दूर बाटापुरा में अपने मामा की बेटी की शादी में शरीक होने गए थे, जहां से मंगलवार रात करीब 10 बजे आतंकवादियों ने उन्हें अगवा कर लिया था. गोलियों से छलनी उनका शव कल सुबह मिला था.
कुलगाम जिला निवासी फैयाज पिछले साल दिसंबर में सेना में शामिल हुए थे. सेना ने इस जघन्य आतंकी हरकत को अंजाम देने वालों को न्याय के दायरे में लाने का संकल्प लिया है.
कश्मीर प्रांत के पुलिस प्रमुख जावीद गिलानी ने यह भी कहा कि 22 वर्षीय युवा आर्मी अधिकारी जोकि एक कश्मीरी थे, की हत्या उस राइफल से की गई थी, जिसे हाल ही में शोपियां में अदालत परिसर पर हुए हमले में पुलिसकर्मी से छीना गया था. INSAS राइफल के खाली कारतूस भी शव के पास से बरामद किए गए थे.
पिछले 10 महीनों में आतंकियों ने दक्षिणी कश्मीर में पुलिस से 40 से अधिक राइफलों को छीना है.
अधिकारी ने एनडीटीवी से कहा कि इस हत्या का मकसद घाटी में डर और आतंक फैलाना है. हालांकि उन्होंने उस रिपोर्ट्स से इंकार किया, जिसमें कहा गया है कि कत्ल से पहले लेफ्टिनेंट उमर फैयाज को प्रताडि़त किया गया था. गिलानी ने कहा कि शव की जांच करने वाले डॉक्टर और पुलिस अधिकारियों ने शव पर यातना के कोई निशान नहीं पाए.
इस घटना के बाद चिंतित केंद्र ने गुरुवार को गृह सचिव राजीव महर्षि को श्रीनगर भेजा. सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को आतंकवाद, विरोध-प्रदर्शन और जमीनी रूप से सरकार की कमजोर पकड़ को लेकर चिंताओं के बारे में बताया गया.
गौरतलब है कि फैयाज यहां से करीब 74 किलोमीटर दूर बाटापुरा में अपने मामा की बेटी की शादी में शरीक होने गए थे, जहां से मंगलवार रात करीब 10 बजे आतंकवादियों ने उन्हें अगवा कर लिया था. गोलियों से छलनी उनका शव कल सुबह मिला था.
कुलगाम जिला निवासी फैयाज पिछले साल दिसंबर में सेना में शामिल हुए थे. सेना ने इस जघन्य आतंकी हरकत को अंजाम देने वालों को न्याय के दायरे में लाने का संकल्प लिया है.
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