"LG न संविधान को मान रहे हैं और न ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश को" : मनीष सिसोदिया

मनीष सिसोदिया ने पूछा कि यह अधिकार उपराज्यपाल साहब को किसने दिया? एलजी साहब को केवल तीन विषयों पर फैसला लेने का अधिकार है. पुलिस, जमीन और पब्लिक आर्डर के तीन विषयों के अलावा एलजी साहब केवल ओपिनियन दे सकते हैं, फैसला नहीं ले सकते. 

मनीष सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल सुप्रीम कोर्ट का अपमान कर रहे हैं.

नई दिल्ली:

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आज आम आदमी पार्टी समर्थित दो लोगों को बिजली वितरण कंपनियों के बोर्ड से हटा दिया है. इस पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस वार्ता कर कहा कि उपराज्यपाल न संविधान को मान रहे हैं और न ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश को. उपराज्यपाल सुप्रीम कोर्ट का अपमान कर रहे हैं. आज उपराज्यपाल ने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार की कैबिनेट द्वारा पास 4 साल पुराने प्रस्ताव को पलटा है.

20 साल पुराने फैसले पलटने लगोगे?
मनीष सिसोदिया ने कहा कि 4 साल पहले मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली की कैबिनेट ने बिजली कंपनियों में चार प्रोफेशनल डायरेक्टर की नियुक्ति की थी. अब उपराज्यपाल कह रहे हैं कि जो 4 साल पहले फैसला लिया गया था, उसको वह डिफरेंस ऑफ ओपिनियन के दिए हुए अधिकार के तहत पलट रहे हैं. LG साहब के पास कोई अधिकार नहीं है कि वह दिल्ली सरकार के बिजली के संबंध में लिए गए फैसले को पलट दें. उनके पास केवल डिफरेंस ऑफ ओपिनियन का अधिकार है. 4 साल पहले जो दिल्ली की चुनी हुई सरकार ने फैसला लिया, उसको पलटने की एक नई नीति शुरू की है. वह कह रहे हैं कि मैं संविधान को नहीं मानूंगा. सुप्रीम कोर्ट नहीं मानूंगा. 4 साल पहले के फैसले पलट दूंगा. उसके बाद 20 साल पुराने फैसले पलटने लगोगे?

सिर्फ हवा में आरोप लगाते हैं LG 
मनीष सिसोदिया ने पूछा कि यह अधिकार उपराज्यपाल साहब को किसने दिया? एलजी साहब को केवल तीन विषयों पर फैसला लेने का अधिकार है. पुलिस, जमीन और पब्लिक आर्डर के तीन विषयों के अलावा एलजी साहब केवल ओपिनियन दे सकते हैं, फैसला नहीं ले सकते.  LG रोजाना सुबह उठकर चुनी सरकार के फैसले को नकार रहे हैं. अफसरों से फ़ाइल मंगवा कर LG डिफरेंस ऑफ़ ओपिनियन कहकर फैसले बदल रहे हैं, जो गैर कानूनी और असंवैधानिक है. किसी भी मुद्दे पर मंत्री और मुख्यमंत्री से चर्चा के बिना LG अफसरों को धमका कर कार्रवाई कर रहे हैं. दिल्ली में बिजली मुफ़्त मिल रही है. कोई घोटाला नहीं हुआ, LG सिर्फ हवा में आरोप लगाते हैं. अगर घोटाला है तो ED और CBI से जांच करवा लें. LG सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करें. बिजली बोर्ड में प्रोफेशनल को लाना गलत नहीं है.

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