
Lex Fridman Podcast PM Modi: अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने अपने जीवन के कई किस्से सुनाए. इन किस्सों में जिंदगी का सच था तो संदेश भी था. पीएम मोदी ने बताया कि बचपन में उनके पास जूते नहीं थे. वो नंगे पैर ही स्कूल जाते थे. मगर फिर भी वो इसे लेकर कभी परेशान नहीं होते थे.

पीएम मोदी ने बताया, एक दिन मैं स्कूल जा रहा था. तभी मामा रास्ते में मिल गए. उन्होंने देखा कि मैं नंगे पैर जा रहा हूं. उन्होंने कैनवास के जूते मुझे पहना दिए. उस समय शायद 10-12 रुपये के आते होंगे. कैनवास के जूतों पर दाग लग जाता था, तो मैं क्या करता था कि छुट्टी के बाद स्कूल में कुछ देर रुक जाता था. क्लास से चॉक के टुकड़े इकट्ठा कर घर ले आता. उन टुकड़ों को जूतों पर लगाकर पॉलिश करता और स्कूल जाता था."
प्रधानमंत्री ने इस किस्से के पीछे की वजह बताते हुए आगे कहा, "मेरी मां सफाई के प्रति जागरुक थी. हमें भी इसकी आदत हो गई थी. जो भी हो, उसे ठीक से पहनते थे. हमारे पास कपड़े प्रेस कराने की व्यवस्था तो थी नहीं. मैं तांबे के लोटे में गर्म पानी भरके खुद अपने कपड़ों को प्रेस करता था. इस तरीके से जीवन का एक आनंद लेता था मैं. ये गरीब है, ये अमीर है. ये कैसे जीते हैं, वो कैसे जीते हैं. इन सब चीजों का संस्कार कभी नहीं हुआ. जो है उसी में मस्त-मौजी से जीना और काम करते रहना. कभी रोना नहीं चीजों को लेकर के. ऐसे ही शुरू से रहे."

पीएम मोदी की ये बात बच्चों से लेकर बड़ों तक को सीख देती है कि दूसरों के कपड़े, चीजों को देखकर परेशान नहीं होना चाहिए. अपना काम करते रहिए. जो है, उसी में अच्छे से रहकर भी जीवन का आनंद लिया जा सकता है. हो सकता है एक दिन आपके पास इतनी चीजें आ जाएं, जो आपने न देखी हों और ना सुनी हों.
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