मुंबई में लेप्टोस्पाइरोसिस से पिछले एक हफ्ते में 13 मौतें हो चुकी हैं और करीब 30 मामले दर्ज हुए है। मुम्बई में बारिश के साथ ही लेप्टोस्पाइरोसिस एक बार फिर परेशानी की वजह बन रहा है, पर इस साल हालात ज्यादा ख़राब हैं।
पहले लेप्टोस्पाइरोसिस से सालभर में करीब 5 मौतें होती थीं लेकिन इस साल बरसात का मौसम बस शुरू ही हुआ है कि करीब 13 मौतें हो चुकी हैं। मरने वाले लोगों में नौ पुरुष, दो महिलाएं और एक 12 साल की बच्ची थी। डॉक्टरों का कहना है कि
मरने वालों में से आठ लोग बारिश के वक्त जगह-जगह भर गए पानी में से निकले थे।
बुखार, पेट दर्द और तेज पीठ दर्द इस बीमारी के लक्षण हैं, कई बार रोगी की आंखों से खून भी निकलता है। डॉक्टर कहते हैं कि अपने आप में लेप्टोस्पाइरोसिस इतनी खतरनाक बीमारी नहीं है। इसका इलाज संभव है, पर जरूरी है इलाज सही वक़्त पर शुरू किया जाए।
चूहे के यूरिन से होने वाली इस बीमारी से बचने के लिए जरूरी है कि गंदे पानी से बचा जाए, बंद जूते पहने जाएं और सफाई का खास ख्याल रखा जाए। हालात से निपटने के लिए बीएमसी वेस्ट मैनेजमेंट पर एक बार फिर जोर दे रही है।
रिहायशी इलाकों में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग रखने के आदेश दिए गए हैं। लोगों से सफाई रखने की अपील की गई है और चूहे मारने वालों के पैसे बढ़ाने जाने का भी बीएमसी दावा कर रही है।
बीएमसी ने लोगों से बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर खून की जांच करवाने की अपील की है। खून की जांच की जानकारी बीएमसी की कस्तूरबा लेबोरेटरी से ली जा सकती है, जिसका नंबर है -022-23001121. बीएमसी का दावा है कि मरने वाले 13 लोगों के घर के आसपास के लोगों का भी सर्वे करवाया जा रहा है ताकि इस बीमारी के किसी भी और संभावित मरीज़ की पहचान करवा कर वक्त पर उसका इलाज शुरू किया जा सके।
पहले लेप्टोस्पाइरोसिस से सालभर में करीब 5 मौतें होती थीं लेकिन इस साल बरसात का मौसम बस शुरू ही हुआ है कि करीब 13 मौतें हो चुकी हैं। मरने वाले लोगों में नौ पुरुष, दो महिलाएं और एक 12 साल की बच्ची थी। डॉक्टरों का कहना है कि
मरने वालों में से आठ लोग बारिश के वक्त जगह-जगह भर गए पानी में से निकले थे।
बुखार, पेट दर्द और तेज पीठ दर्द इस बीमारी के लक्षण हैं, कई बार रोगी की आंखों से खून भी निकलता है। डॉक्टर कहते हैं कि अपने आप में लेप्टोस्पाइरोसिस इतनी खतरनाक बीमारी नहीं है। इसका इलाज संभव है, पर जरूरी है इलाज सही वक़्त पर शुरू किया जाए।
चूहे के यूरिन से होने वाली इस बीमारी से बचने के लिए जरूरी है कि गंदे पानी से बचा जाए, बंद जूते पहने जाएं और सफाई का खास ख्याल रखा जाए। हालात से निपटने के लिए बीएमसी वेस्ट मैनेजमेंट पर एक बार फिर जोर दे रही है।
रिहायशी इलाकों में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग रखने के आदेश दिए गए हैं। लोगों से सफाई रखने की अपील की गई है और चूहे मारने वालों के पैसे बढ़ाने जाने का भी बीएमसी दावा कर रही है।
बीएमसी ने लोगों से बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर खून की जांच करवाने की अपील की है। खून की जांच की जानकारी बीएमसी की कस्तूरबा लेबोरेटरी से ली जा सकती है, जिसका नंबर है -022-23001121. बीएमसी का दावा है कि मरने वाले 13 लोगों के घर के आसपास के लोगों का भी सर्वे करवाया जा रहा है ताकि इस बीमारी के किसी भी और संभावित मरीज़ की पहचान करवा कर वक्त पर उसका इलाज शुरू किया जा सके।
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