पॉर्न वेबसाइट्स पर भारत सरकार की कार्रवाई के बावजूद बड़ी ग्लोबल वेबसाइट्स ने इस प्रतिबंध से निपटने का तरीका निकाल लिया है. पॉर्न अब भी देशभर में करोड़ों स्मार्टफोन्स पर बिना किसी डर के धड़ल्ले से देखा जा रहा है. मालूम हो डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस ने सभी इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को एक पत्र जारी कर उन्हें (सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के अनुच्छेद 79(3)(ब) के तहत) पॉर्न वेबसाइट्स निष्क्रिय करने का निर्देश दिया था.
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आदेश के तहत 857 वेबसाइटों को अनैतिक और असभ्य बताकर निष्क्रिय कर दिया गया था. हालांकि दो वैश्विक पॉर्न पोर्टल - रेडट्यूब और पॉर्नहब ने भारत में वापसी की है. चूंकि कार्रवाई डॉट कॉम डोमेन पर हुई है, तो पॉर्न वेबसाइट्स बिना किसी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन), वैकल्पिक ब्राउजर्स, प्रॉक्सीज और अन्य उपायों की जरूरत के बिना विभिन्न स्क्रीन्स पर आसानी से एक्सेस की जा सकती हैं.
बता दें पिछले साल दिसंबर में डीओटी के निर्देशों के बाद जियो, एयरटेल और वोडाफोन जैसे प्रमुख टेलीकॉम ओपरेटरों ने भी पॉर्न या चाइल्ड पॉर्नोग्राफिक कंटेंट दिखाने वाली वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. देश के अग्रणी साइबर कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल के अनुसार, भारत में कठोर साइबर सुरक्षा कानूनों को तत्काल लागू करने की जरूरत है.
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