प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
मौत की सजा दी जानी चाहिए या नहीं, इस विषय पर विधि आयोग अपनी रिपोर्ट अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगा। इस विषय पर चर्चा के दौरान ज्यादातर लोगों ने मौत की सजा का विरोध किया।
आयोग अगले सप्ताह कभी भी अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप सकता है। रिपोर्ट इस मुद्दे पर केंद्रित होगी कि क्या भारत में मौत की सजा खत्म कर दी जानी चाहिए या नहीं। रिपोर्ट की एक प्रति कानून मंत्री को सौंपी जाएगी, क्योंकि पैनल के प्रावधानों में किसी भी बदलाव की मांग पर संसद ही विचार करेगी।
यह रिपोर्ट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी दिए जाने के बाद इस पर बहस शुरू हो गई है।
आयोग इस रिपोर्ट को पूरा करने के लिए समय से अधिक काम कर रहा है, क्योंकि इसका तीन साल का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त होने जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने संतोष कुमार सतीश भूषण बारियार विरुद्ध महाराष्ट्र और शंकर किसनराव खाड़े विरुद्ध महाराष्ट्र मामले में कहा था कि विधि आयोग को मौत की सजा से जुड़े विविध मतों और पहलुओं का अध्ययन करना चाहिए, ताकि इस विषय पर एक अद्यतन और तथ्यात्मक बहस की अनुमति दी जा सके।
आयोग अगले सप्ताह कभी भी अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप सकता है। रिपोर्ट इस मुद्दे पर केंद्रित होगी कि क्या भारत में मौत की सजा खत्म कर दी जानी चाहिए या नहीं। रिपोर्ट की एक प्रति कानून मंत्री को सौंपी जाएगी, क्योंकि पैनल के प्रावधानों में किसी भी बदलाव की मांग पर संसद ही विचार करेगी।
यह रिपोर्ट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी दिए जाने के बाद इस पर बहस शुरू हो गई है।
आयोग इस रिपोर्ट को पूरा करने के लिए समय से अधिक काम कर रहा है, क्योंकि इसका तीन साल का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त होने जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने संतोष कुमार सतीश भूषण बारियार विरुद्ध महाराष्ट्र और शंकर किसनराव खाड़े विरुद्ध महाराष्ट्र मामले में कहा था कि विधि आयोग को मौत की सजा से जुड़े विविध मतों और पहलुओं का अध्ययन करना चाहिए, ताकि इस विषय पर एक अद्यतन और तथ्यात्मक बहस की अनुमति दी जा सके।
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