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This Article is From Feb 28, 2020

दिल्ली हिंसा : सोनिया गांधी के बयान पर रविशंकर प्रसाद का पलटवार- हमें राजधर्म का उपदेश न दें

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के दिल्ली हिंसा पर गुरुवार को दिए गए बयान पर आज केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार किया है.

नई दिल्ली:

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के दिल्ली हिंसा पर गुरुवार को दिए गए बयान पर आज केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून पर सोनिया गांधी ने ही आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया था. उन्होंने कहा कि शाहीन बाग में जब हिंसा के लिए लोगों को उकसाया जा रहा था तब कांग्रेस के नेता वहां गए थे. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोनिया गांधी हमें राजधर्म न सिखाएं. रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'हमें राज धर्म के बारे में बताया जा रहा है. सोनिया जी पहले आप ये बताइए बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के विस्थापित हैं. जिन्हें आस्था के कारण प्रताड़ित किया जा रहा है. आपके नेताओं की सोच रही है. वह सबको सामने है. वे चाहते थे कि नागरिकता मिलनी चाहिए.  ये कौन सा राजधर्म है कि आज सब पलट गए? केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस से सवाल पूछते हुए कहा, 'जो मनमोहन सिंह ने सवाल किया था वो गलत था? जो इंदिरा और राजीव ने किया था वो गलत था?' 

रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण का जिक्र करते हुए कहा,  'सोनिया जी आप रामलीला मैदान की अपनी टिप्पणियों को देखिए, 'इस पार और उस पार' की लडाई होगी. इसका मतलब है संवैधानिक मर्यादा से अलग. ये कौन सा राजधर्म है? आपने लोगों में उत्तेजना क्यों फैलाई. एनपीआर का जिक्र करते हुए कानून मंत्री मे कहा कि 15 मार्च 2010 का एनपीआर का नोटिस है. चिदंबरम गृह मंत्री थे. ये आपने शुरू किया. आप करें तो ठीक. हम करें तो लोगों को उकसाया जाए. रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा उनके भाषण का जिक्र करते हुए कहा, 'प्रियंका गांधी ने कहा चुप रहेंगे तो बाबा साहब का संविधान बर्बाद हो जाएगा.' उत्तेजना का माहौल किसने बनाया?

प्रसाद ने कहा कि जब शाहीन बाग में बच्चों को पीएम के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाया जा रहा था तब आप चुप थे. कृपया हमें राजधर्म का उपदेश न दीजिए. पीएम ने शांति की अपील की है. गृहमंत्री ने बैठकें की हैं. किसकी छत से तेज़ाब फेंका जा रहा था यह सबने देखा है. अभी शांति का समय है पर उत्तेजना फैलाई जा रही है.  'आप' के पार्षद पर हत्या का आरोप है. अगर पुलिस की कार्रवाई में कहीं कमी रही है तो जिम्मेदारी तय की जाएगी. जब कपिल मिश्रा और प्रवेश वर्मा के बयानों पर रविशंकर प्रसाद से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, हमने अपना रुख साफ कर दिया है, हम इस तरह के बयानों के सही नहीं मानते हैं'.

वहीं दिल्ली हाईकोर्ट के जज  जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले पर कानून मंत्री ने कहा कि हाईकोर्ट के जजों के तबादले की प्रक्रिया स्थापित है. 12 फरवरी को कोलेजियम ने तबादले की अनुंशसा की थी. उसके आधार पर यह निर्णय हुआ. सहमति ली गई थी. इसका किसी केस से कोई लेना देना नहीं है.  ऐसे दर्जनों तबादले हुए हैं. हमारे नेताओं ने आपातकाल के खिलाफ संघर्ष किया था. व्यक्तिगत आजादी, न्यायिक आजादी और मीडिया की आजादी के लिए संघर्ष किया है. 

दूसरी ओर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने हिंसा के लिए उकसाने का आरोप लगने पर चुनौती देते हुए कहा है कि मैं सरकार को चुनौती देता हूं हममें से जितने भी लोग मंच पर बैठे थे सबको गिरफ्तार करे. सिंघवी  ने कहा, ' मैं साफ-साफ कह देना चाहता हूं कि एनपीआर असंवैधानिक है. अगर यह बात कहकर किसी को भड़का रहा हूं तो मेरे खिलाफ कार्रवाई हो.

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