लालू प्रसाद से गले मिलते अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
लालू प्रसाद यादव के साथ गले लगने वाली उनकी तस्वीर वायरल हो जाने के बाद सोमवार को अपने भ्रष्टाचार विरोधी साख का बचाने का प्रयास करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राजद प्रमुख ने ‘उन्हें खींचा और गले लगा लिया’ और इसका मतलब ‘गठबंधन’ नहीं है।
केजरीवाल ने कहा कि ''आप ने बिहार विधानसभ चुनाव में ‘भाजपा के खिलाफ’ काम किया और मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी नीतीश कुमार का समर्थन किया। उन्होंने जदयू नेता को एक ‘अच्छा इंसान’ और ऐसा व्यक्ति बताया जिसने ‘अच्छा काम’ किया है।’’ केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं राष्ट्रपति भवन जाता हूं। सभी पार्टी के नेता वहां आते हैं। वे हमसे मिलते हैं। नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण में भी लालू प्रसाद मंच पर थे। उन्होंने हाथ मिलाया और खींचकर गले लगा लिया। और मेरा हाथ पकड़ा और उठा दिया। इसे पेश किया गया और सवाल पूछे गये। हमने कोई गठबंधन नहीं बनाया है। हम उनके (लालू) भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड के खिलाफ हैं और हम हमेशा इसका विरोध करेंगे।’’
आप प्रमुख ने यहां पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में यह टिप्पणी की। केजरीवाल ने कहा कि वह वंशवादी राजनीति के खिलाफ हैं और तथ्य यह है कि लालू के ‘दो बेटे मंत्री हैं। हम इसके भी खिलाफ हैं।’’
केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि ये सवाल पूछे गये। सवाल पूछे जाएंगे क्योंकि लोगों को उम्मीद है, क्योंकि उन्हें लगता है कि हम अलग हैं। जब दूसरे नेता को लालू जी गले लगाते हैं तो कोई सवाल नहीं पूछता, यह हमारे लिए अच्छा है।’’ नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में 20 नवंबर को चारा घोटाले के एक अभियुक्त लालू द्वारा गले लगाये जाने के कारण दिल्ली के मुख्यमंत्री को विभिन्न हलकों से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।
निलंबित 'आप' नेता योगेन्द्र यादव ने इसे एक ‘शर्मनाक’ कृत्य करार दिया था। यादव ने कहा था कि यह महज गले लगना नहीं है बल्कि भाजपा के खिलाफ एक गुट बनाने के लिये आदशरें की पराजय है। ‘आंदोलन की राजनीतिक पूंजी, राजनीतिक भ्रष्टाचार के प्रतीकों को बेच दी गयी। शर्मनाक।’ सोशल मीडिया पर केजरीवाल के अक्तूबर 2013 में ट्विटर पर लिखे एक बयान के जरिए आलोचना हो रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया था, ‘लालू ने चारा घोटाले में करोड़ो बनाए। लेकिन उस धन को वापस लेने का कोई आदेश जारी नहीं हुआ। केवल 25 लाख जुर्माना लगा और कुछ साल की जेल हुयी। एक अच्छा सौदा।’
केजरीवाल ने कहा कि ''आप ने बिहार विधानसभ चुनाव में ‘भाजपा के खिलाफ’ काम किया और मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी नीतीश कुमार का समर्थन किया। उन्होंने जदयू नेता को एक ‘अच्छा इंसान’ और ऐसा व्यक्ति बताया जिसने ‘अच्छा काम’ किया है।’’ केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं राष्ट्रपति भवन जाता हूं। सभी पार्टी के नेता वहां आते हैं। वे हमसे मिलते हैं। नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण में भी लालू प्रसाद मंच पर थे। उन्होंने हाथ मिलाया और खींचकर गले लगा लिया। और मेरा हाथ पकड़ा और उठा दिया। इसे पेश किया गया और सवाल पूछे गये। हमने कोई गठबंधन नहीं बनाया है। हम उनके (लालू) भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड के खिलाफ हैं और हम हमेशा इसका विरोध करेंगे।’’
आप प्रमुख ने यहां पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में यह टिप्पणी की। केजरीवाल ने कहा कि वह वंशवादी राजनीति के खिलाफ हैं और तथ्य यह है कि लालू के ‘दो बेटे मंत्री हैं। हम इसके भी खिलाफ हैं।’’
केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि ये सवाल पूछे गये। सवाल पूछे जाएंगे क्योंकि लोगों को उम्मीद है, क्योंकि उन्हें लगता है कि हम अलग हैं। जब दूसरे नेता को लालू जी गले लगाते हैं तो कोई सवाल नहीं पूछता, यह हमारे लिए अच्छा है।’’ नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में 20 नवंबर को चारा घोटाले के एक अभियुक्त लालू द्वारा गले लगाये जाने के कारण दिल्ली के मुख्यमंत्री को विभिन्न हलकों से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।
निलंबित 'आप' नेता योगेन्द्र यादव ने इसे एक ‘शर्मनाक’ कृत्य करार दिया था। यादव ने कहा था कि यह महज गले लगना नहीं है बल्कि भाजपा के खिलाफ एक गुट बनाने के लिये आदशरें की पराजय है। ‘आंदोलन की राजनीतिक पूंजी, राजनीतिक भ्रष्टाचार के प्रतीकों को बेच दी गयी। शर्मनाक।’ सोशल मीडिया पर केजरीवाल के अक्तूबर 2013 में ट्विटर पर लिखे एक बयान के जरिए आलोचना हो रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया था, ‘लालू ने चारा घोटाले में करोड़ो बनाए। लेकिन उस धन को वापस लेने का कोई आदेश जारी नहीं हुआ। केवल 25 लाख जुर्माना लगा और कुछ साल की जेल हुयी। एक अच्छा सौदा।’
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