पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के जान गंवाने के बाद सेना संघर्ष के दशकों पुराने नियमों (Rules of Engagement) में बदलाव पर विचार कर रही है. चीनी सैनिकों का सामना करने वाले भारतीय सैनिकों के लिए मौजूदा निेर्देशों में फायरिंग करना शामिल नहीं है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि गलवान नदी में सोमवार रात की घातक झड़प के बाद सेना कथित रूप से इसकी समीक्षा कर रही है. यह हिंसक झड़प उस समय शुरू हुइ जब भारतीय सैनिक सीमा के भारत की तरफ चीनी सैनिकों द्वारा लगाए गए टेंट को हटाने गए थे. चीन ने 6 जून को दोनों पक्षों के लेफ्टिनेंट जनरल-रैंक के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद इस टेंट को हटाने पर सहमति जताई थी. सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय कर्नल बीएल संतोष बाबू को निशाना बनाने के बाद एक शारीरिक संघर्ष छिड़ गया और दोनों पक्षों के बीच डंडों, पत्थरों और रॉड का जमकर इस्तेमाल हुआ.
मंगलवार सुबह सेना के एक बयान में एक कर्नल और दो जवानों की मौत की पुष्टि की गई और दोनों पक्षों के सैनिकों हताहत होने की बात कही गई. मंगलवार शाम को सेना ने एक अन्य बयान में कहा कि हिंसक झड़प में गंभीर रूप से घायल 17 सैनिकलद्दाख के बेहद कम तापमान के कारण 'एक्सपोज' हुए और उन्होंने ठंड और चोटों के कारण दम तोड़ दिया." न तो सेना और न ही सरकार ने आधिकारिक तौर पर इस बात पर टिप्पणी की है कि कितने चीनी सैनिक घायल हुए या मारे गए लेकिन सूत्रों ने NDTV को बताया कि संख्या लगभग 45 है.
The Nation will never forget their bravery and sacrifice. My heart goes out to the families of the fallen soldiers. The nation stand shoulder to shoulder with them in this difficult hour. We are proud of the bravery and courage of India's breavehearts.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 17, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज एक ट्वीट में कहा, "गालवान में सैनिकों का 'बलिदान' गहरा विचलित करने वाला है. हमारे सैनिकों ने अनुकरणीय साहस और वीरता दिखाते हुए अपना कर्तव्य निभाया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं का निर्वाह करते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी."समाचार एजेंसी ANI ने बताया कि रक्षा मंत्री ने बुधवार सुबह अपने घर पर तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की. लद्दाख में हुए इस संघर्ष को 45 वर्षों में सबसे खराब माना जा रहा है. इससे पहले, वर्ष 1975 में, अरुणाचल प्रदेश के तुलुनुग ला दर्रे में एक गश्ती में चार असम राइफल्स के जवान मारे गए थे.सूत्रों के अनुसार सैनिकों पर पत्थरों, कीलों और डंडों से हमला किया गया था. मई माह में दोनों देशों के सैनिकों के आमने-सामने आने के बाद इस हिंसक संघर्ष की घटना सामने आई है. पिछले हफ्ते, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने ने कहा, "मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि चीन के साथ हमारी सीमाओं पर पूरी स्थिति नियंत्रण में है."
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