शारदा समूह चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष को रविवार को पश्चिम बंगाल की एक अदालत ने पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
बिधाननगर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एके घोष ने कुणाल की जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
शारदा समूह के मीडिया व्यवसाय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) घोष को शनिवार रात गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 120बी (षडयंत्र) का मामला दर्ज किया गया है।
उनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कहा कि उसके पास इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि "घोष ने सुदीप्तो सेन (शारदा समूह के प्रमोटर और घोटाले के प्रमुख आरोपी) के अधिकांश गलत कार्यों में बराबर की भूमिका निभाई थी।"
घोष के वकील सुदीप्तो मोइत्रा ने कहा, "हमने तर्क दिया कि उनके साथ 13 बार पूछताछ हो चुकी है। उनका नाम भी प्राथमिकी में दर्ज नहीं था। इसलिए उनको पुलिस हिरासत में भेजना न्यायोचित नहीं है। इसके बावजूद न्यायालय ने हमारी याचिका खारिज कर दी।"
राज्य पुलिस ने सुबह घोष के आवास की तलाशी ली। पुलिस ने घोष के आवास की तलाशी के बाद एक कंप्यूटर जब्त किया है। अदालत ने 29 नवंबर को घोष की पेशी की तारीख तय की है।
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