
सलमान खान की 2012 में आई फिल्म 'एक था टाइगर' को रवींद्र कौशिक के जीवन से प्रेरित माना जाता है.
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कुलभूषण की तरह रवींद्र कौशिक का भी किस्सा
1983 में पाकिस्तान ने उनको पकड़ा था
2001 में पाकिस्तानी जेल में बीमारी के चलते मौत हुई
रवींद्र कौशिक
1952 में राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्मे रवींद्र कौशिक शुरुआत में गजब के थिएटर कलाकार थे. माना जाता है कि लखनऊ में एक ऐसे ही राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) की नजर उन पर पड़ी. उनको ट्रेनिंग देने के बाद 1975 में पाकिस्तान भेजा गया. वहां पर उन्होंने जबर्दस्त पाकिस्तानी सेना में अपनी पैठ बनाई और पाकिस्तानी सेना में भर्ती हो गए. उसके बाद कई महत्वपूर्ण सूचनाएं दीं. उनके कारनामे खुफिया जगत में इतने चर्चित हुए कि उनको टाइगर कहा जाने लगा. 1983 में उनका भेद खुल गया. उनको पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में बंद रखा गया. उनको पहले फांसी की सजा सुनाई गई लेकिन बाद में उसका उम्रकैद में बदल दिया गया. 2001 में मुल्तान की जेल में टीबी और दिल की बीमारी के चलते उनकी मौत हो गई.
उल्लेखनीय है कि भारतीय नागरिक कुलभूषण सुधीर जाधव को पाकिस्तान ने रॉ का एजेंट होने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है. उनकी गिरफ्तारी से लेकर पहचान तक तमाम सवाल उठ रहे हैं. पाकिस्तान का दावा है कि उसने रॉ की जासूसी के आरोप में कुलभूषण(46) को बलूचिस्तान से पकड़ा था. हालांकि उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि उनका तालिबान ने अपहरण कर पाकिस्तान को बेच दिया था. भारत सरकार ने माना है कि वह पूर्व नौसेना अधिकारी थे और 14 साल सेवा में गुजारने के बाद समय से पहले ही रिटायरमेंट ले लिया था. वह 2003 में रिटायर हो गए थे. हालांकि पाकिस्तान का दावा है कि जाधव अभी भी भारतीय नौसेना के अधिकारी हैं और उनको 2022 में रिटायर होना था.
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