Kotputli Election Results 2023: जानें, कोटपूतली (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

कोटपूतली विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 208015 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 57114 ने कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र सिंह यादव को वोट देकर जिताया था, जबकि 43238 वोट पा सके भाजपा प्रत्याशी मुकेश गोयल 13876 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Kotputli Election Results 2023: जानें, कोटपूतली (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत राजस्थान में 25 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

उत्तर भारत के अहम राज्यों में शुमार होने वाले राजस्थान (Rajasthan Assembly Elections 2023) राज्य के पूर्व क्षेत्र में मौजूद है जयपुर जिला, जहां बसा है कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र, जो अनारक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 208015 मतदाता थे, और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र सिंह यादव को 57114 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि भाजपा उम्मीदवार मुकेश गोयल को 43238 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 13876 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कोटपूतली विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र सिंह ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 47973 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार भंवर लाल यादव को 23286 वोट मिल पाए थे, और वह 24687 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र से एलएसडब्ल्यूपी उम्मीदवार रामस्वरुप कसना को कुल 22328 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र सिंह दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 21435 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 893 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वैसे, गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राजस्थान में कामयाबी मिली थी, और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पिछड़ गई थी. कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार होने वाले अशोक गहलोत को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, और इस समय वह एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बूते लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल होने की उम्मीद कर रहे हैं. दूसरी ओर, BJP भी गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार और लगातार बढ़ते अपराधों के मुद्दों को लेकर ज़ोर-शोर से प्रचार अभियान में जुटी है, और उसे भी पूरी उम्मीद है कि राजस्थान की जनता द्वारा हर पांच साल में सत्ता बदलने की परिपाटी जारी रहेगी, और इस बार उन्हें कामयाबी ज़रूर हासिल होगी.