नई दिल्ली:
हादसे के बाद से गायब दक्षिण केरल के कोल्लम स्थित पुत्तिंगल मंदिर प्रबंधन के सात लोगों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। मंदिर प्रबंधन के लोगों पर लापरवाही और नियमों के उल्लंघन का आरोप है। इस मामले में 30 लोगों पर केस दर्ज किया गया है, जिसमें से पांच लोगों को सोमवार को ही हिरासत में ले लिया गया था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मंदिर न्यास के अध्यक्ष जयलाल, सचिव जे कृष्णनकुट्टी, शिवप्रसाद, सुरेंद्रन पिल्लई और रविंद्रन पिल्लई ने पुलिस को सूचित किया कि वे आत्मसमर्पण करना चाहते हैं और उन्होंने परवूर के निकट कप्पिल में एक मंदिर के सामने पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया।
पटाखों में प्रतिबंधित रसायनों का इस्तेमाल
केरल के पुत्तिंगल मंदिर में लगी भीषण आग के बाद यह बात साफ हो गई है कि इसमें विस्फोटक संबंधी नियमों का पालन नहीं किया गया। यहां तक कि इस तरह की आतिशबाजी के लिए रखी जाने वाली बुनियादी सावधानियों को भी नजरअंदाज किया गया। शुरुआती जांच में यह भी पता चला है कि पटाखे बनाने में प्रतिबंधित रसायनों का इस्तेमाल किया गया है।
हादसे के बावजूद बोर्ड आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं
इस मामले में केरल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका पर भी सुनवाई होगी। खास बात यह है कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी त्रवणकोर देवस्थाम बोर्ड ऐसी आतिशबाजी प्रदर्शन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है। बोर्ड राज्य में करीब 1255 मंदिरों का प्रबंधन संभालता है।
109 की मौत 400 से ज्यादा घायल
आतिशबाज़ी के बाद लगी आग में 109 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 400 से ज्यादा लोग अभी भी घायल हैं, जिसमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
तीन कारें बरामद
कोल्लम में पुलिस ने विस्फोटक से भरी तीन कारों कारों को भी जब्त किया है। कारों के बारे में सूचना मिलते ही पुलिस डॉग स्क्वाड के साथ मौके पर पहुंची और इन्हें सीज़ कर दिया। ये कारें शहर के शंकरा देवी मंदिर के परिसर से जब्त की गई हैं। इसके अलावा पुलिस ने मंदिर के पास के एक गोदाम से कम से कम 100 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया।
(इनपुट्स भाषा से भी)
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मंदिर न्यास के अध्यक्ष जयलाल, सचिव जे कृष्णनकुट्टी, शिवप्रसाद, सुरेंद्रन पिल्लई और रविंद्रन पिल्लई ने पुलिस को सूचित किया कि वे आत्मसमर्पण करना चाहते हैं और उन्होंने परवूर के निकट कप्पिल में एक मंदिर के सामने पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया।
पटाखों में प्रतिबंधित रसायनों का इस्तेमाल
केरल के पुत्तिंगल मंदिर में लगी भीषण आग के बाद यह बात साफ हो गई है कि इसमें विस्फोटक संबंधी नियमों का पालन नहीं किया गया। यहां तक कि इस तरह की आतिशबाजी के लिए रखी जाने वाली बुनियादी सावधानियों को भी नजरअंदाज किया गया। शुरुआती जांच में यह भी पता चला है कि पटाखे बनाने में प्रतिबंधित रसायनों का इस्तेमाल किया गया है।
हादसे के बावजूद बोर्ड आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं
इस मामले में केरल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका पर भी सुनवाई होगी। खास बात यह है कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी त्रवणकोर देवस्थाम बोर्ड ऐसी आतिशबाजी प्रदर्शन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है। बोर्ड राज्य में करीब 1255 मंदिरों का प्रबंधन संभालता है।
109 की मौत 400 से ज्यादा घायल
आतिशबाज़ी के बाद लगी आग में 109 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 400 से ज्यादा लोग अभी भी घायल हैं, जिसमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
तीन कारें बरामद
कोल्लम में पुलिस ने विस्फोटक से भरी तीन कारों कारों को भी जब्त किया है। कारों के बारे में सूचना मिलते ही पुलिस डॉग स्क्वाड के साथ मौके पर पहुंची और इन्हें सीज़ कर दिया। ये कारें शहर के शंकरा देवी मंदिर के परिसर से जब्त की गई हैं। इसके अलावा पुलिस ने मंदिर के पास के एक गोदाम से कम से कम 100 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया।
(इनपुट्स भाषा से भी)
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