विज्ञापन

डॉक्‍टरों की हड़ताल से मरीज हलकान, स्वास्थ्य सेवाएं ठप; मंत्रालय का सुरक्षा को लेकर कमेटी बनाने का ऐलान

कोलकाता के रेप और मर्डर मामले में डॉक्‍टरों की हड़ताल से देश भर में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं प्रभावित हुई हैं. इसके चलते मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

डॉक्‍टरों की हड़ताल से मरीज हलकान, स्वास्थ्य सेवाएं ठप; मंत्रालय का सुरक्षा को लेकर कमेटी बनाने का ऐलान
नई दिल्‍ली:

कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्‍टर के साथ रेप और मर्डर (Doctor Rape-Murder) की वारदात के बाद देश में जबरदस्‍त गुस्‍सा है. इस हत्‍या से डॉक्‍टरों में भी रोष है. डॉक्‍टरों की सुरक्षा को मांग को लेकर देश भर के डॉक्‍टर आज हड़ताल (Doctors Strike) पर हैं. इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन ने आज 24 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया है और यह हड़ताल सुबह 6 बजे शुरू हुई और रविवार सुबह 6 बजे तक चलेगी. इस हड़ताल के कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. इस बीच केंद सरकार ने आंदोलनकारी डॉक्‍टरों से जनहित में काम पर लौटने का अनुरोध किया है. हालांकि आंदोलनकारी डॉक्‍टरों ने सरकार के प्रस्‍ताव को खारिज कर दिया है. 

देश के अस्‍पतालों में शनिवार का दिन मरीजों के लिए दोहरी मुश्किलों का रहा. बहुत से मरीज जब अस्‍पतालों की ओपीडी में पहुंचे तो उन्‍हें पता चला कि डॉक्‍टरों की हड़ताल है और ओपीडी बंद रहेगी. कई मरीजों ने कहा है कि डॉक्‍टरों की हड़ताल से उन्‍हें परेशानी का सामना करना पड़ा.

कोलकाता रेप और मर्डर मामले में अलग-अलग शहरों में डॉक्‍टरों ने विरोध प्रदर्शन किया. कई जगहों पर डॉक्‍टरों ने रैली निकाली और काला फीता बांधकर विरोध जताया. प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स ने कोलकाता की घटना को लेकर आरोपियों को फांसी दिए जाने की मांग की. हड़ताल के कारण कई राज्‍यों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुईं. डॉक्‍टरों ने कोलकाता मामले के साथ ही डॉक्‍टरों की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया. 

Latest and Breaking News on NDTV

डॉक्‍टरों ने की केंद्रीय प्रोटेक्‍शन एक्‍ट की मांग 

हड़ताल के कारण दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं निलंबित रहीं. एम्स के साथ ही गुरु तेग बहादुर, राम मनोहर लोहिया और डीडीयू अस्पतालों के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया है.

राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्‍टरों ने एनडीटीवी से कहा कि हमारी सालों केंद्रीय प्रोटेक्शन एक्ट की मांग है. उन्‍होंने कहा कि अस्‍पताल में अभी भी मरीज और उनके परिजन डॉक्टरों पर हमला कर देते हैं. डॉक्‍टरों ने कहा कि आज हड़ताल के दिन भी डॉक्टर के साथ वार्ड पेशेंट ने बदतमीजी की. उन्‍होंने कहा कि जब पूरे देश की नजर डॉक्टरों के ऊपर है, तब भी डॉक्टर सुरक्षित नहीं है. जब तक डॉक्टर खुद को सेफ महसूस नहीं करेगा तो वह दूसरों की जान कैसे बचाएगा. देश में बहुत से अस्पतालों में महिला डॉक्टर है जो खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं, इसलिए सीपीए को जल्द लागू किया जाए.

डॉक्‍टरों ने सेलिब्रिटी से सवाल किया कि देश के किसी भी कोने में जब अत्याचार होता है तो हमारे देश के सेलिब्रिटी पोस्‍ट करते हैं - "ऑल आइज ऑन", लेकिन अब डॉक्टर के लिए ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है.

Latest and Breaking News on NDTV

देश के कई राज्‍यों में प्रभावित हुई स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं 

वहीं राजस्थान के लगभग सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया गया और वार्डों में भी व्यवस्थाएं प्रभावित हुईं. हालांकि आपातकालीन सेवाएं चालू रहीं. आईएमए जयपुर के एक प्रतिनिधि ने बताया कि आईएमए के राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल के आह्वान के बाद जयपुर समेत राजस्थान के सभी जिलों में चिकित्सकों ने आज कार्य का बहिष्कार किया है. 

साथ ही बिहार में भी हड़ताल का व्‍यापक असर देखने को मिला है. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच), नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) , मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच सहित कई जिलों के सदर अस्पताल में सुबह बड़ी संख्या में मरीज आए, लेकिन आउटडोर सेवा बंद रहने के कारण वापस लौट गए. इलाज नहीं होने से कुछ मरीज इधर-उधर भटकते रहे. एसकेएमसीएच जूनियर चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डॉ प्रशांत ने कहा कि सरकार उनकी मांग को नहीं मान रही है, इसलिए ओपीडी अनिश्चितकालीन बंद रहेगा. 

Latest and Breaking News on NDTV

कोलकाता की घटना को लेकर लखनऊ में लगातार प्रदर्शन कर रहे किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के जूनियर डॉक्टरों ने हाथ में काली पट्टी बांधकर 'काला रक्षा बंधन' मनाया और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से केजीएमयू में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से बाधित रहीं. सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के संगठन प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने हड़ताली डॉक्टरों को नैतिक समर्थन देते हुए अस्पतालों में काम जारी रखा. निजी डॉक्टरों की हड़ताल के कारण सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ देखी गई.

वहीं आईएमए ने कहा कि झारखंड में सभी सरकारी और निजी अस्पताल हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं. वहीं पूर्वोत्तर के सबसे पुराने मेडिकल कॉलेज असम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में डॉक्टरों का धरना जारी है. इसके साथ ही चेन्नई में डॉक्टरों ने कार्य का बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया, जबकि पूरे पश्चिम बंगाल में सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों की ओपीडी प्रभावित हुई है. 

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने किया काम पर लौटने का अनुरोध 

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों के मद्देनजर डॉक्‍टरों से काम पर लौटने का अनुरोध किया है. मंत्रालय ने डॉक्‍टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय सुझाने के लिए एक समिति गठित करने का आश्‍वासन दिया है. 26 राज्य स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए कानून पारित कर चुके हैं. दिल्‍ली मेडिकल एसोसिएशन के वरिष्‍ठ उपाध्‍यक्ष डॉ. सुनील सिंघल ने कहा कि हम जनहित में अब भी काम कर रहे हैं. हम इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि हमें स्‍टेट लॉ नहीं बल्कि सीपीए चाहिए. साथ ही उन्‍होंने कहा कि हमें काम करने के लिए सुरक्षित वातावरण चाहिए. उन्‍होंने सरकार के कमेटी बनाने पर कहा कि कमेटी बनाने से क्‍या होगा, यह पहले भी हो चुका है. 

Latest and Breaking News on NDTV

एबीवीपी का ममता सरकार के खिलाफ दिल्‍ली में प्रदर्शन 

इस बीच पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ दिल्ली में एबीवीपी ने प्रदर्शन किया. एबीवीपी ने कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले को लेकर ममता सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शन कर रही एक छात्रा सृष्टि गुर्जर ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है, जब पश्चिम बंगाल में इस तरह की घटना घटित हुई है. बंगाल की संदेशखाली में हुई घटना से सभी वाकिफ हैं. बंगाल में समय-समय पर ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं और ममता बनर्जी इनसे अवगत भी हैं, इसके बावजूद वो कुछ भी एक्शन नहीं लेती हैं. 

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने डॉक्‍टरों को काम पर लौटने को कहा

उधर, मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने डॉक्‍टरों से अपनी हड़ताल को वापस लेने और राज्य में ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति राज मोहन सिंह की खंडपीठ ने हड़ताल को चुनौती देने वाली नरसिंहपुर जिले के निवासी अंशुल तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता संजय अग्रवाल और अधिवक्ता अंजू अग्रवाल ने बताया कि अदालत ने चिकित्सकों को अपनी हड़ताल वापस लेने और ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा अदालत ने चिकित्सकों को अपनी शिकायतें न्यायालय में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
डोरस्टॉप समझ उपयोग करती रही थी महिला, पत्थर निकला कुबेर का खजाना, कीमत 9 करोड़ रुपये
डॉक्‍टरों की हड़ताल से मरीज हलकान, स्वास्थ्य सेवाएं ठप; मंत्रालय का सुरक्षा को लेकर कमेटी बनाने का ऐलान
बिहार: झोलाछाप डॉक्टर का कारनामा! यूट्यूब देखकर किया किशोर के पथरी का ऑपरेशन, मौत
Next Article
बिहार: झोलाछाप डॉक्टर का कारनामा! यूट्यूब देखकर किया किशोर के पथरी का ऑपरेशन, मौत
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com