कोलकाता की सड़कों से दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट तक जिस एक घटना ने सबको झकझोरकर रख दिया है, वो है आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और निर्मम हत्या की घटना. इस केस में आरोपी संजय रॉय के हामी भरने के बाद आज उसका पॉलीग्राफ टेस्ट होगा. इसके साथ ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और पीड़िता के चार साथी डॉक्टरों का पॉलीग्राफ टेस्ट भी आज ही होगा. इधर, सीबीआई ने कल भी संदीप घोष से पूछताछ की थी, पिछले 8 दिनों में करीब 100 घंटे ज्यादा सीबीआई पूछताछ कर चुकी है .
वहीं बता दें कि कोलकाता केस में 9 किरदारों के इर्द गिर्द जांच घूम रही है, जिनके खुलासे बिखरी कड़ियों को जोड़ने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. इन 9 किरदारों में से 6 का पॉलीग्राफी टेस्ट जल्द होने वाला है. लेडी डॉक्टर की लाश मिलने से लेकर FIR दर्ज होने तक 17 घंटों के दरमियान ये ही 9 किरदार केंद्र में हैं. जांच को अंजाम तक पहुंचाने के लिए उन 17 घंटों का हिसाब जरूरी है और ये हिसाब ये 9 किरदार ही दे सकते हैं.
ये हैं वो 9 किरदार जिनके इर्द-गिर्द घूम रही फिलहाल जांच: -
किरदार नंबर 1- संजय रॉय, बलात्कार और हत्या का आरोपी
किरदार नंबर 2- संदीप घोष, मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल
किरदार नंबर 3- अस्पताल का असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट, जिसने हत्या को सबसे पहले आत्महत्या कहा
किरदार नंबर 4- सौरव, संजय रॉय का दोस्त जिसके साथ वारदात वाली रात शराब पी
किरदार नंबर 5 से 8- वो 4 डॉक्टर, जिनके साथ पीड़िता ने खाना खाया
किरदार नंबर 9- एएसआई अरूप दत्ता, जिसके निकले संजय रॉय के कनेक्शन
इन किरदारों के इर्द-गिर्द ही सारी जांच और साजिशों की थ्योरी को खंगाला जा रहा है. इसमें ताजा कड़ी उन चार डॉक्टरों और डॉक्टर संदीप घोष से जुडती है, जिनका पोलीग्राफ टेस्ट सीबीआई करवाने जा रही है. जब घोष की गर्दन बहुत ज्यादा फंस गई तो पश्चिम बंगाल सरकार उनके साथ याराना से पल्ला झाड़ती दिख रही है. इससे पहले संदीप घोष को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रिंसिपल पद से हटा दिया गया था. बाद में उस निर्देश को भी रद्द कर दिया गया जहां उन्हें दिए गए कार्यभार से हटा दिया गया था. अब भी वे स्वास्थ्य विभाग के ऐसे किसी ओएसडी पद पर नहीं हैं.
संदीप घोष के सीने में हैं कई राज दफन?
सीबीआई को लगता है कि सात दिन से लगातार पूछताछ के बावजूद डॉक्टर संदीप घोष अपना मुंह ठीक से नहीं खोल रहे हैं. सीबीआई को डॉक्टर घोष पर पूरा शक है कि वो बहुत कुछ छुपा रहे हैं और इस बलात्कार और हत्याकांड के पीछे कोई गहरी साजिश है. ऐसे में सीबीआई संदीप घोष के पॉलीग्राफी टेस्ट करना चाहती है ताकि सच सामने आ जाए. इसीलिए सीबीआई सिर्फ डॉक्टर घोष की पॉलीग्राफी तक ही सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि सीबीआई की नजर उन चार डॉक्टरों पर भी है, जिन्होंने पीड़िता के साथ हत्या की रात डिनर किया था. दरअसल सीबीआई उन चार डॉक्टरों के जरिए डॉक्टर घोष की लीपापोती पर से परदा भी उठाना चाह रही होगी, जिनके पक्ष में कोई प्वाइंट नहीं दिखता. उनका पीड़िता को अपनी बेटी के समान बताना भी महज एक बयान भर लगता है. इतना तो साफ हो गया है कि पिछले 9 दिनों में संदीप घोष ने 100 घंटों की पूछताछ में सीबीआई को ऐसा कुछ भी नहीं बताया है जो इस केस को सुलझाने में कारगर साबित हो. लगता है कि डॉक्टर घोष अपने सीने में एक बड़ा राज़ छुपाए बैठे हैं. उसी राज से परदा उठाने के लिए पॉलीग्राफी टेस्ट कराया जा रहा है.
आखिरी डिनर में क्या खाया, क्या बात हुई
सीबीआई उन चारों डॉक्टरों से जानना चाहती है कि कत्ल की उस रात पीड़िता की उनसे क्या क्या बात हुई. पीड़िता ने खाने में क्या क्या लिया था.खाना खाने के बाद पीड़िता कहां गई. वो चारों डॉक्टर डिनर के बाद कहां कहां गए.
सीबीआई के लिए वो चारो डॉक्टर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने ही संजय रॉय के अलावा पीड़िता को उस रात जिंदा देखा था. मुख्य आरोपी संजय रॉय ने बड़ी आसानी से अपने जुर्म को कबूल कर लिया और पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए भी हामी भर दी है, लेकिन सीबीआई को संजय रॉय के साथ-साथ संदीप घोष पर पूरा शक बना हुआ है. संदीप घोष को लेकर बहुत सारे सवाल तो सुप्रीम कोर्ट के पास भी हैं.
पीड़िता की हत्या को आत्महत्या बताने वाले की भी पड़ताल
इनके अलावा सीबीआई की नजर कुछ और किरदारों पर भी है. सीबीआई उस असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट से भी पड़ताल में लगी है, जिसने पीड़िता की हत्या को आत्महत्या बताया था. वहीं वारदात के दिन संजय रॉय को शराब पिलाने वाले सौरभ से भी सीबीआई को बहुत सारी अहम जानकारी मिली हैं. खबर ये भी है कि संजय रॉय बलात्कार और हत्या के बाद सौरव की बैरक में ही जाकर सोया था. वहीं सीबीआई ASI अरुप दत्ता को जल्द ही पूछताछ के लिए बुला सकती है जिनके साथ मुख्य आरोपी संजय रॉय के साठगांठ का शक है.
सुप्रीम कोर्ट ने उठाया था ये बड़ा सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने सीजेआई ने कहा था कि 12.08 बजे एक पहलू बेहद परेशान करने वाला है, मौत की अननैचुरल डेथ की एंट्री सुबह 10:10 बजे ताला थाने में दर्ज की गई. क्राइम सीन की सुरक्षा, सबूत जुटाने आदि का काम रात 11:30 बजे किया गया? सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस पारदीवाला ने गुरुवार को ही कहा था कि ऐसा केस अपने 30 साल के करियर में उन्होंने नहीं देखा. जाहिर है कि सीबीआई के लिए भी किस केस को सुलझाना एक कठिन चुनौती है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं