- कोलकाता रेप केस में आरोपियों की 10 दिन की पुलिस रिमांड अर्जी पर सुनवाई हुई.
- पीड़िता को इन्हेलर मदद के लिए नहीं, फिर से रेप के लिए दिया गया था : सरकारी वकील
- बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं, हम सहयोग कर रहे हैं.
- अदालत ने आरोपियों की 10 दिन की पुलिस रिमांड पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.
कोलकाता रेप केस की सुनवाई के दौरान मंगलवार को सरकारी वकील ने अदालत में कई चौंकाने वाले खुलासे किए. सरकारी वकील ने दावा किया कि आरोपियों ने पीड़िता को इन्हेलर उसकी मदद करने के लिए नहीं दिया था बल्कि इसलिए दिया था ताकि फिर से उसका रेप कर सकें. वहीं बचाव पक्ष के वकील ने इस पूरे मामले को साजिश करार दिया है.
अदालत ने मुख्य आरोपी मनोजीत, प्रमित और जैब को 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेजने का आदेश दिया है जबकि पिनाकी को 4 जुलाई तक पुलिस रिमांड में भेजा है. पुलिस ने 10 दिन के लिए पुलिस रिमांड में भेजने की गुहार लगाई थी.
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने अदालत को बताया कि मोनोजीत, जैब मोहम्मद और प्रमित जमानत के लिए आवेदन नहीं कर रहे हैं. हम जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं. अभियोजन पक्ष का भी सहयोग कर रहे हैं.
बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर ने रिमांड के दौरान खुद बताया था कि सभी सबूत इकट्ठे किए जा चुके हैं और जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) भेजे जा चुके हैं. वैसे भी आरोपियों को अभी दोषी साबित नहीं किया गया है. ऐसे में पुलिस रिमांड की जरूरत नहीं है.
बचाव पक्ष के वकील ने इस पूरे मामले को साजिश करार देते हुए कहा कि हम जानना चाहते हैं कि क्या पीड़ित का मोबाइल फोन बरामद किया गया है? क्या पुलिस ने कॉल डिटेल निकलवाई हैं? इस पर सरकारी वकील ने कहा कि मेडिकल और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के जरिए पीड़िता के आरोपों की पुष्टि की जा रही है.
सरकारी वकील ने अदालत में दावा किया कि घटना के दौरान पीड़िता के साथ हैवानियत की गई थी. जब उसकी तबीयत खराब हो गई तो उसे इन्हेलर दिया गया. लेकिन इन्हेलर इसलिए नहीं दिया गया कि वो ठीक हो जाए बल्कि इसलिए कि जैसे ही वह ठीक हो, फिर से उसके साथ दरिंदगी की जा सके.
बता दें कि कोलकाता पुलिस को कॉलेज के पास की दुकान से पीड़िता के लिए लाए गए इनहेलर का बिल मिला है. इससे पता चला है कि मनोजीत का सहयोगी और रेप का दूसरा आरोपी जैब मोहम्मद शाम को 8 बजकर 29 मिनट पर इसे खरीदकर लाया था. पुलिस ने कॉलेज के पास की मेडिकल शॉप का वह सीसीटीवी फुटेज भी बरामद कर लिया है, जिसमें आरोपी जैब को इनहेलर खरीदते देखा जा सकता है.
अदालत में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट से 10 दिन की पुलिस कस्टडी की मांग की और कहा कि जांच अभी अधूरी है, कई और पहलुओं की जांच की जानी बाकी है. ऐसे में आरोपियों को पुलिस कस्टडी में दिया जाना चाहिए. अर्जी पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
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