NIA के दो अधिकारी कर रहे तहव्वुर केस की जांच.
मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana In NIA Custody) अमेरिका से दिल्ली लाए जाने के बाद फिलहाल NIA की कस्टडी में है. 18 दिन तक जांच एजेंसी उससे हर एक राज उगलवाने की पूरी कोशिश कर रही है. इस केस की जांच का जिम्मा दो सीनियर अफसरों को सौंपा गया है. ये दोनों सीनियर अधिकारी केस की जांच में लगे 12 अफसरों की टीम को लीड कर रहे हैं. DIG जया रॉय और आशीष बत्रा (jaya roy ashish battra) वो अधिकारी हैं जो तहव्वुर को अमेरिका से भारत लेकर आए थे. यही दोनों इस केस की जांच भी कर रहे हैं. दोनों अफसरों के बारे में डिटेल में जानिए
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DIG जया रॉय के बारे में जानिए
डीआईजी जया रॉय झारखंड कैडर की 2011 बैच की IPA अधिकारी हैं. जया रॉय फिलहाल NIA में डीआईजी के पद पर तैनात हैं. तहव्वुर को भारत लाने में जया ने अहम भूमिका निभाई है.DIG जया रॉय साल 2019 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. उनको साल 2019 में प्रतिनियुक्ति पर चार साल के लिए एसपी के रूप में एनआईए में भेजा गया था. जिसे बाद में बढ़ा दिया गया.
- जया रॉय का जन्म 22 अप्रैल 1979 को हुआ था.
- जया मूल रूप से पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं.
- उन्होंने MBBS की पढ़ाई पूरी करने के बाद UPSC परीक्षा पास की.
- साल 2011 में उन्हें झारखंड कैडर की आईपीएस अधिकारी नियुक्त किया गया था.
- 19 दिसंबर 2011 को उनकी नियुक्ति झारखंड पुलिस में हुई थी.
- डीआईजी जया रॉय जामताड़ा में भी तैनात रहीं, जहां साइबर अपराधियों पर उनकी कार्रवाई की अक्सर चर्चा होती है.
- जया ने जामताड़ा में साइबर अपराधियों पर नकेल कसने वाली टीम को लीड कर चुकी हैं.
जामताड़ा ऐसा चर्चित मामला है, जिसपर एक वेब सीरीज भी बन चुकी है. जया के इस ऑपरेशन के बारे में जामताड़ा वेब सीरीज में भी दिखाया गया है.
IG आशीष बत्रा के बारे में जानिए
आशीष बत्रा वर्तमान में NIA में महानिरीक्षक (आईजी) के पद पर कार्यरत हैं. वह झारखंड कैडर के 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्हें 2019 में पांच साल के कार्यकाल के लिए NIA में प्रतिनियुक्त पर भेजा गया था. जिसे गृह मंत्रालय ने 15 सितंबर, 2024 को दो साल के लिए बढ़ा दिया था.
आशीष बत्रा एनआईए में शामिल होने से पहले उग्रवाद विरोधी यूनिट झारखंड जगुआर के आईजी थे. वह 20 जनवरी, 2018 से NIA में शामिल होने तक इस पद पर रहे. वह झारखंड पुलिस के प्रवक्ता के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं. NIA में उन्होंने आईजी अभियान के रूप में अतिरिक्त कार्यभार संभाला है.
ये दोनों ही अफसर अब तहव्वुर राणा केस की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. आतंकी से वे मुंबई हमलों की साजिश से जुड़ा हर एक राज उगलवाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
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