नई दिल्ली:
जेल पर अपने बयान पर उभरे विवाद के बाद संतुलन करने की कवायद के तहत केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह फैसला अदालतों को करना होता है कि किसे हवालात में डालना है, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने ही जमानत को नियम और जेल को अपवाद ठहराया है। खुर्शीद ने कहा था कि न्यायपालिका को देश की राजनीतिक अर्थव्यवस्था को समझने की जरूरत है। अपने इस विवादास्पद बयान के संदर्भ में मंगलवार को मंत्री ने कहा कि लोगों को हवालात में डालने का फैसला मुझे नहीं लेना, यह अदालतों को लेना होता है। उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है। कानून मंत्री अपनी इस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में बोल रहे थे, अगर आप शीर्ष व्यापारियों को जेल में डालेंगे तो क्या निवेश आ पाएगा। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को इस बयान को चिंताजनक बताया। खुर्शीद ने कहा कि उनकी टिप्पणी का 2जी मामले से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन वह प्रश्नकर्ता की इस बात से सहमत हुए कि कई लोग सोचते हैं कि घोटाले में लंबे समय तक हिरासत में रहे लोग अपनी आजादी से महरूम रहे हैं।
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