प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने आज इटेलियन सरकार की अर्जी पर सुनवाई करते हुए मरीन लातोरे को भी सशर्त जमानत दे दी.पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब देने को कहा था कि क्या इटली के मरीन मसीमिलियानो लातोरे को इटली में रहने की इजाजत दी जाए? आज सुप्रीम कोर्ट ने हेग कोर्ट का फैसला आने तक उसे इटली में रहने की इजाजत दे दी. हर तीन महीने में केंद्र हेग की ट्रिब्यूनल की कारवाई की प्रगति रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी
दरअसल इटेलियन सरकार ने अर्जी दाखिल कर कहा था कि मरीन लाटोरे को लेकर चल रही हेग की अदालत में जब तक कोई अंतिम फैसला नहीं आ जाता, उन्हें इटली में रहने की इजाजत दी जाए. इससे पहले भी दूसरे मरीन को सुप्रीम कोर्ट ने ये इजाजत दी है इसलिए समानता के आधार पर लाटोरे को भी फिलहाल इटली में रहने की इजाजत देने की मांग की गई. कहा गया कि वह भी कोर्ट की शर्तों का पालन करने को तैयार है.
गौरतलब है कि दो इतालवी नौसैनिकों पर फरवरी 2012 में केरल के पास समुद्र में दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वहीं इन नौसैनिकों का कहना था कि उन्होंने मछुआरों को समुद्री डाकू समझकर गोली चलाई थी। इस मामले में एक आरोपी मरीन पहले ही इटली लौट चुका है। हेग की अदालत ने दोनों मरीन्स के खिलाफ मेरिट के आधार पर मामले की सुनवाई जारी रखने का भी फैसला लिया है। लातोरे को साल 2014 में इलाज के लिए इटली वापस आने की इजाजत मिली थी इससे पहले वह भारत में ही थे।
दरअसल इटेलियन सरकार ने अर्जी दाखिल कर कहा था कि मरीन लाटोरे को लेकर चल रही हेग की अदालत में जब तक कोई अंतिम फैसला नहीं आ जाता, उन्हें इटली में रहने की इजाजत दी जाए. इससे पहले भी दूसरे मरीन को सुप्रीम कोर्ट ने ये इजाजत दी है इसलिए समानता के आधार पर लाटोरे को भी फिलहाल इटली में रहने की इजाजत देने की मांग की गई. कहा गया कि वह भी कोर्ट की शर्तों का पालन करने को तैयार है.
गौरतलब है कि दो इतालवी नौसैनिकों पर फरवरी 2012 में केरल के पास समुद्र में दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वहीं इन नौसैनिकों का कहना था कि उन्होंने मछुआरों को समुद्री डाकू समझकर गोली चलाई थी। इस मामले में एक आरोपी मरीन पहले ही इटली लौट चुका है। हेग की अदालत ने दोनों मरीन्स के खिलाफ मेरिट के आधार पर मामले की सुनवाई जारी रखने का भी फैसला लिया है। लातोरे को साल 2014 में इलाज के लिए इटली वापस आने की इजाजत मिली थी इससे पहले वह भारत में ही थे।
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