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This Article is From Jul 10, 2020

इटैलियन मरीन की फायर‍िंग की जद में आ गई थी शख्स की नाव, 100 करोड़ का मुआवजा चाहता है परिवार

पिछले साल सुसाइड करके जान गंवाने वाले एक शख्स के परिवार ने अब 100 करोड़ का मुआवजा मांगा है. परिवार का दावा है कि मृतक प्रिजिन ए ने अपनी जान इटली के एक समुद्री जहाज से की गई गोलीबारी की घटना के चपेट में आने के कई सालों बाद ले ली थी.

इटैलियन मरीन की फायर‍िंग की जद में आ गई थी शख्स की नाव, 100 करोड़ का मुआवजा चाहता है परिवार
केरल के समुद्र में इटैलियन मरीन की मछुआरों पर गोलीबारी से जुड़ा है मामला
कोच्चि:

पिछले साल सुसाइड करके जान गंवाने वाले एक शख्स के परिवार ने अब 100 करोड़ का मुआवजा मांगा है. परिवार का दावा है कि मृतक प्रिजिन ए ने अपनी जान केरल के पास समंदर में इटली के एक समुद्री जहाज से की गई गोलीबारी की घटना के चपेट में आने के कई सालों बाद ले ली थी. यह घटना आठ साल पहले की थी, उस वक्त प्रिजिन महज 14 साल का था. घटना के वक्त वो मछली मारने वाली एक नाव में बैठा हुआ था, लेकिन इसी दौरान उसकी नाव इटली के एक सामुद्रिक ऑयल टैंकर से कुछ मछुआरों पर गोलीबारी की चपेट में आ गई थी, प्रिजिन भी वहां मौजूद था. इस घटना में उसे कुछ चोटें आई थीं. अब परिवार ने केंद्र से आग्रह किया है कि वो परिवार को इटली से 100 करोड़ का मुआवजा दिलवाए.

क्या है पूरा मामला?
परिवार ने केंद्रीय कै‍बिनेट सचिव को 6 जुलाई, 2020 को एक याचिका भेजी है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि प्रिजिन ने 15 फरवरी, 2012 को ऑयल टैंकर 'Enrica Lexie' पर मौजूद इटैलियन मरीन्स की ओर से की गई गोलीबारी देखी थी, इसमें दो मछुआरों की जान चली गई थी. परिवार का दावा है कि इससे प्रिजिन बुरी तरह डर गया था. परिवार का कहना है कि प्रिजिन पर इसका बहुत बुरा असर हुआ था, जिसके चलते वो डिप्रेशन का शिकार हो गया और आखिरकार पिछले साल उसने अपनी जान ले ली. तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के कंजमपुरम के इस परिवार का दावा है कि प्रिजिन ने अपनी जान एनरिका लेक्सी पर हुई उस घटना के चलते ली है. 

प्रिजिन के आठ सदस्यों वाले परिवार में उसकी 59 साल की मां और बहनें हैं. उन्होंने केंद्र को भेजी गई अपनी याचिका में The Law of The Sea पर यूएन कन्वेंशन के तहत मध्यस्थ न्यायाधिकरण के जरिए प्रिजिन के साथ हुई इस दुर्घटना के खिलाफ न्याय दिलवाने का आग्रह किया है. परिवार का कहना है कि उसे अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार और भारतीय-इटैलियन संविधान के तहत मिले अधिकारों के हिसाब से सुरक्षा और मदद नहीं मिली थी. 

परिवार ने बताया कि प्रिजिन फ्रेडी नाम के एक शख्स के  St Antony नाम के उस बोट पर क्रू मेंबर था. वो वहां या तो खाना बनाता था और फिर दूसरे मछुआरों की मदद करता था. घटना के बाद उसे तुरंत दूसरी बोट में डालकर किनारे पर लाया गया था. यहां आने के बाद प्रिजिन को घर भेज दिया गया, लेकिन प्रिजिन मानसिक रूप से तनाव में रहने लगा था. इस गोलीबारी में उसने अपने पड़ोसी और दोस्त अजीश पिंक और एक दूसरे मछुआरे जेलस्टाइन की 'बेरहम हत्या' देखी थी, जिसके चलते वो ठीक से सो नहीं पाता था और चिल्लाकर नींद से उठ जाता था. परिवार का कहना है कि उसे कोई मेडिकल या साइकोलॉजिकल मदद नहीं दी गई.

भारत को मिलेगा मुआवजा
बता दें कि परिवार ने अपनी यह याचिका तब दाखिल की है, जब एक हफ्ते पहले ही हेग में Permanent Court of Arbitration Tribunal ने एनरिका लेक्सी केस में भारत को मुआवजा देने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा था कि भारतीय अथॉरिटीज़ को इटैलियन मरीन्स की ओर से की गई गोलीबारी में दो मछुआरों की जान जाने वाली इस घटना में मुआवजा मिलना चाहिए. हालांकि, कोर्ट ने कहा था कि इटैलियन मरीन पर कोई केस नहीं चलाया जा सकता क्योंकि उन्हें इम्यूनिटी मिली हुई है. 

प्रिजिन के परिवार की ओर से मांगी गई मुआवजे की रकम पर परिवार के वकील का कहना है कि यह प्रिजिन के लिए नेचुरल जस्टिस और अतंरराष्ट्रीय मानवाधिकारों के हनन के इस मामले उनकी यह मांग तार्किक है.

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