आम आदमी पार्टी (एएपी) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को अवमानना के एक मामले में जमानत लेने से मना कर दिया। उनके खिलाफ अवमानना का यह मामला दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के राजनीतिक सचिव ने बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कथित 'अपमानजनक टिप्पणी' को लेकर दायर किया है।
ज़मानत नहीं लेने के अपने फैसले पर मज़बूती से कायम केजरीवाल ने यह कहते हुए कि वे अपने खिलाफ दायर अन्य मामलों में भी यही रुख अपनाएंगे, निजी मुचलका या जमानती बंध भरने से भी मना कर दिया।
ज़मानत लेने और मुचलका या ज़मानती बॉण्ड भरने से इंकार करने पर मुख्य महानगरीय दंडाधिकारी (सीएमएम) संजय बंसल ने सिर्फ यह आश्वासन लेने के बाद कि वे हर तारीख पर अदालत में हाजिर होंगे, केजरीवाल को छोड़ दिया।
दीक्षित के राजनीतिक सचिव पवन खेरा केजरीवाल पर एक टीवी शो के दौरान मुख्यमंत्री के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करने और निराधार आरोप लगाने का आरोप लगाया है।
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